सर, मैं क्या करता। कलेक्ट्रेट दौड़ते-दौड़ते अब तक चार डीएम बदल गए। लेकिन, आवास योजना का लाभ अब तक मुझे नहीं मिला। एचआईवी होने के बाद हम दोनों (पति-पत्नी) को परिवारों के लोगों ने भी अलग कर दिया। ऐसे में आत्मदाह के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है। 4 साल पहले भी मैंने कलेक्ट्रेट में आत्मदाह का प्रयास किया था।

ये दास्तां शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में आत्मदाह करने पहुंचे गायघाट निवासी 35 वर्षीय एचआईवी पीड़ित ने पुलिस अधिकारियों को सुनाई। हालांकि, कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचने से पहले ही नगर थाने की पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पकड़े जाने के दौरान उसने खुद पर केरोसिन छिड़कने का प्रयास किया। किसी तरह पुलिस समझा-बुझा कर उसे टाउन थाने लेकर आई। टाउन थानेदार ओम प्रकाश ने आत्मदाह के प्रयास को गलत बताते हुए उसकी काउंसेलिंग की।

दो साल पहले बेटी ने भी तोड़ा दम

7 साल पहले हरियाणा-दिल्ली में मजदूरी करता था। वहीं, एचआईवी संक्रमित हो गया था। संपर्क में आने से मेरी पत्नी भी एचआईवी संक्रमित हो गई। 2 साल पहले इसी बीमारी से इकलौती बेटी ने भी दम तोड़ दिया। परिवार के लोग हम पति-पत्नी को अलग कर चुके हैं। घृणित नजर से हम लोगों को देखा जाता है।

एसडीओ ने गायघाट बीडीओ को आवास योजना का लाभ दिलाने का दिया निर्देश: मामले की जानकारी लेने के बाद एसडीओ पूर्वी डॉ. कुंदन कुमार ने कहा कि पीड़ित को आवास योजना लाभ दिलाने के लिए गायघाट बीडीओ को सूची में नाम दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। बाकी सरकारी योजनाओं का लाभ पीड़ित को पहले से मिल रहा है।

Source : Dainik Bhaskar

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