ऑटो चालकों की मनमानी के सामने प्रशासन लाचार है। शहर में ट्रैफिक नियंत्रित करने काे जेब्रा क्रॉसिंग और स्टॉप मार्क के बावजूद पैसेंजर चढ़ाने-उतारने में ऑटो चालकों की मनमानी बदस्तूर जारी है। उधर, प्रशासन ने 19 जनवरी काे उच्चस्तरीय बैठक में जिन 14 स्थानों पर शहर ऑटाे पार्किंग की व्यवस्था का फैसला लिया, वहां काेई काम ही नहीं हुआ। यानी सब कुछ कागजों में है। जमीनी हकीकत है कि 14 में 6 स्थानों पर ही ऑटो पार्किंग की सुविधा है। बाकी जगहों पर ऑटो चालकों की मनमानी और लचर प्रशासनिक व्यवस्था के बीच जनता पिस रही है।
उल्लेखनीय है कि तकरीबन 12 हजार अाॅटाे का राेजाना अवागमन हाेता है। कई वर्षों की मांग के बाद भी ऑटो पार्किंग और पड़ाव की व्यवस्था नहीं हाे पाई। इन अव्यवस्थाओं के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी बेपटरी रहती है। पिछले माह सरैयागंज टावर, इमलीचट्टी, कंपनीबाग, महेश बाबू चौक समेत कई स्थानों पर स्टॉप मार्क और जेब्रा क्रॉसिंग बनाए गए।
चौक-चौराहों से 50 मीटर पहले ऑटो रोकना अनिवार्य हुआ। लेकिन, इस पर सख्ती से अमल नहीं हाे पाया। ऑटो चालक अब भी नहीं मान रहे हैं। मंगलवार को भी इसी वजह से अघोरिया बाजार चौक, सरैयागंज टावर और इमलीचट्टी में भी लाेगाें काे ट्रैफिक जाम की समस्या झेलनी पड़ी।
ऑटो चालकों के दो संगठनों की लड़ाई में स्टेशन रोड की दोनों लेन में बेतरतीब लगे रहते हैं ऑटो, पैदल चलना भी होता मुश्किल- स्टेशन रोड पर तो पूरी तरह ऑटो चालकों का कब्जा रहता है। यहां दोनों लेन में इस तरह बेतरतीब ऑटो लगे रहते हैं कि पैदल निकलना भी मुश्किल होता है। अन्य वाहनों के चालक तो हॉर्न बजाते रहते हैं, ऑटो चालक सुनने के लिए तैयार नहीं रहते। यहां इनकी संख्या इतनी रहती है कि कोई एक शब्द बोले तो ये मारपीट करने पर उतारु हो जाते हैं। यहां कब्जे के पीछे ऑटो चालकों के दो संगठनों में वर्चस्व की आपसी लड़ाई है।
>यहां ऑटो पार्किंग के लिए स्टेशन परिसर व स्टेशन के ठीक सामने पुलिस क्लब के बगल में भी पार्किंग है। पुलिस क्लब के बगल में पार्किंग व्यवस्था महानगर ऑटो संघ के जिम्मे है। जबकि, यहां 30% ऑटो ही लगते हैं। 70% ऑटो सड़क पर ही लगे रहते। इस कारण यहां पूरे दिन जाम लगता है। महानगर ऑटो संघ के महामंत्री मो. मुस्तफा ने कहा कि सड़क पर खड़े ऑटाे उनके यूनियन से संबंधित नहीं हैं।
दूसरी ओर, ऑटो रिक्शा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एआर अन्नू का कहना है कि पार्किंग में 62 ऑटो लगाने की ही जगह है। ग्रामीण क्षेत्र के ऑटो काे जगह नहीं मिलती है। स्टेशन परिसर में ऑटो ले जाने पर प्रति फेरा 40 रुपए देना मुनासिब नहीं है।
इन जगहों पर नहीं बनी पार्किंग-
1. प्रमंडलीय आयुक्त के सचिव के आवास से डीएम आवास वाली सड़क पर जिप मार्केट के सामने तक
2. जूरन छपरा से लक्ष्मी चौक होते हुए महेश बाबू चौक की ओर जानेवाली सड़क पर हर दिन परेशानी
3. सरैयागंज टावर चौराहे से अखाड़ाघाट पुल की ओर जानेवाली सड़क में मैक्स मार्ट के बाद सड़क किनारे
4. भगवानपुर-रेवा रोड में विद्युत कार्यालय के पास
5. भगवानपुर गोलंबर चौराहा से बैरिया जानेवाली सड़क पर 50 मीटर बाद बाईं तरफ पूर्व की तरह है हाल
6. जुब्बा सहनी पार्क व निगम के ऑडिटोरियम के सामने
7. मिठनपुरा चौक से पानी टंकी की ओर जानेवाली सड़क में संयुक्त कृषि निदेशक कार्यालय के पास
8. कलमबाग रोड में आबकारी गोदाम के पास।
इधर, ऑटो स्टैंड पर बसों का कब्जा – ऑटो रिक्शा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एआर अन्नू का कहना है कि शहर में ऑटो रिक्शा से शुल्क वसूली हो रही है। लेकिन, पार्किंग की सुविधा नहीं दी जा रही है। पांच साल से हर प्रशासनिक बैठक में पार्किंग की मांग उठती है। आश्वासन से अागे बात नहीं बढ़ती है। अव्वल यह कि बैरिया में इकलाैते पार्किंग स्थल पर भी दिल्ली रूट की बसाें का स्टैंड बन गया। कई जगह अतिक्रमण है।
नगर निगम को पार्किंग स्थल की व्यवस्था करनी है। प्रशासन की ओर से जो भी सहयाेग की जरूरत होगी वह की जाएगी। ऑटो पड़ाव के मुद्दे पर निगम प्रशासन से बात की जाएगी। -डॉ. कुंदन कुमार, एसडीओ पूर्वी
Input: Dainik Bhaskar