सार्स-कोव-2 वायरस यानी कोरोना वायरस के किसी प्रयोगशाला से लीक होने की आशंका न के बराबर है। यह वायरस संभवत: चमगादड़ से अन्य जंतुओं के जरिये मनुष्यों में फैला होगा। कोविड-19 की उत्पत्ति का रहस्य खंगालने के लिए चीन का दौरा करने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम की मसौदा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट में कई अनसुलझे सवालों के जवाब नहीं दिए गए हैं। डब्ल्यूएचओ टीम ने वायरस के प्रयोगशाला से लीक होने के मामले को छोड़कर अन्य सभी पहलुओं पर आगे जांच करने का प्रस्ताव रखा है। रिपोर्ट को जारी किए जाने में लगातार देरी हो रही है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि कहीं चीनी पक्ष जांच के निष्कर्ष को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं कर रहा, ताकि बीजिंग पर कोविड-19 महामारी फैलने का दोष न मढ़ा जाए।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, हमारी चिंता इस रिपोर्ट की कार्यप्रणाली और प्रक्रिया को लेकर है। यह भी एक तथ्य है कि चीनी सरकार ने इस रिपोर्ट को तैयार करने में मदद की है। वहीं, चीन ने सोमवार को ब्लिंकन की इस आलोचना को खारिज कर दिया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि अमेरिका रिपोर्ट के संबंध में जो कुछ बोल रहा है, उसके जरिये क्या वह डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों पर राजनीतिक दबाव डालने का प्रयास नहीं कर रहा?

एक जांच एजेंसी को सोमवार को जेनेवा में डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश के राजनयिक से जांच टीम की रिपोर्ट मिली है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया गया है कि रिपोर्ट को जारी करने से पहले उसमें बदलाव किया जाएगा या नहीं। वहीं, राजनयिक का कहना है कि यह रिपोर्ट का अंतिम संस्करण है।

इस बीच, डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसस ने स्वीकार किया कि उन्हें सप्ताहांत में रिपोर्ट प्राप्त हो गई थी। इसे मंगलवार को औपचारिक तौर पर पेश किया जाएगा। विशेषज्ञों ने सार्स-कोव-2 वायरस की उत्पत्ति की चार परिस्थितियां बताई हैं। इनमें चमगादड़ों से अन्य जंतुओं में इसका प्रसार मुख्य है।

Input: Live Hindustan

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