नई दिल्ली. अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन (Former National Security advisor John Bolton) ने कहा है कि यदि चीन-भारत सीमा तनाव (Sino-India border tensions) बढ़ता है कि तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चीन के खिलाफ भारत का समर्थन करेंगे. बोल्टन ने एक टेलीविजन चैनल से साक्षात्कार में कहा कि चीन अपनी सभी सीमाओं पर आक्रामक तरीके से व्यवहार कर रहा है, निश्चित तौर पर पूर्वी और दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में भी तथा जापान, भारत और अन्य देशों के साथ उसके संबंध खराब हुए हैं.
यह पूछे जाने पर कि ट्रंप (Trump) चीन (China) के खिलाफ भारत का किस हद तक समर्थन करने के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वह क्या निर्णय लेंगे और मुझे नहीं लगता कि उन्हें भी इस बारे में पता है. मुझे लगता है कि वह चीन के साथ भू-रणनीतिक संबंध (geostrategic relationship) देखते हैं, उदाहरण के लिए, विशेष रूप से व्यापार (Trade) के चश्मे से.’’
“भारत और चीन के बीच चीजें तनावपूर्ण बनी रहें तो पता नहीं ट्रंप किसका समर्थन करेंगे”
बोल्टन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि ट्रंप नवम्बर के चुनाव के बाद क्या करेंगे… वह बड़े चीन व्यापार समझौते पर वापस आएंगे. यदि भारत और चीन के बीच चीजें तनावपूर्ण बनती हैं तो मुझे नहीं पता कि वह किसका समर्थन करेंगे.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह मानते हैं कि यदि भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि ट्रंप चीन के खिलाफ भारत का समर्थन करेंगे, बोल्टन ने कहा, ‘‘हां यह सही है.’’ बोल्टन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ट्रंप को भारत और चीन के बीच दशकों के दौरान हुई झड़पों के इतिहास की कोई जानकारी है.
“ट्रंप सीमा पर शांति चाहेंगे, चाहे इससे चीन को फायदा हो या भारत को”
बोल्टन ने कहा कि हो सकता है कि ट्रंप को इस बारे में जानकारी दी गई हो, लेकिन वह इतिहास को लेकर सहज नहीं हैं. बोल्टन ट्रंप प्रशासन में अप्रैल 2018 से सितम्बर 2019 तक अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहार थे.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह अगले चार महीनों के दौरान ऐसी सभी चीजों से परहेज करेंगे जो उनके चुनाव को और जटिल बनाये, जो पहले से ही उनके लिए एक मुश्किल चुनाव है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वह (ट्रंप) यह चाहेंगे कि सीमा पर शांति हो, चाहे इससे चीन को लाभ हो या भारत को.’’
भारत-चीन सीमा पर गहमागहमी के बीच हो चुकी है कई दौर की कूटनीतिक व सैन्य वार्ता
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले आठ सप्ताह से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर गतिरोध उत्पन्न था. गलवान घाटी (Galwan Valley) में उस हिंसक झड़प के बाद तनाव और बढ़ गया जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. क्षेत्र में तनाव में कमी लाने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ सप्ताह के दौरान कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बाचतीत के कई दौर हो चुके हैं.
Input : News18