अमेरिका के दो सांसदों ने कांग्रेस (संसद) में चीन के खिलाफ एक विधेयक पेश किया है। संसद से इस विधेयक के पास होने के बाद अमेरिकी नागरिक कोरोना वायरस महामारी के कारण हुई मौत, बीमारी और आर्थिक नुकसान का हर्जाना हासिल करने के लिए संघीय अदालत में चीन के खिलाफ मुकदमा दाखिल कर सकेंगे। इस विधेयक को सीनेट में टॉम कॉटन व प्रतिनिधिसभा में डैन क्रेनशॉ ने पेश किया है।

इसके पारित होने और कानून बनने पर विदेशी संप्रभु प्रतिरक्षा अधिनियम में संशोधन होगा, जिसके जरिये महामारी से निपटने में हुए नुकसान के लिए चीन पर दावा किया जा सकेगा। यानी, यह विधेयक अमेरिका को चीन पर मुआवजे के लिए मुकदमा करने का अधिकार प्रदान करेगा। हालांकि, विधेयक में प्रस्ताव दिया गया है कि अगर अमेरिका और चीन इन दावों के निपटारे के लिए समझौता करते हैं तो निजी मुकदमों को खारिज किया जा सकता है।

आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय कानून में यह साफ किया गया है कि किसी वायरस को छुपाने की कोशिश करने या उसे फैलाने को आतंकी गतिविधि माना जाएगा। वर्ष 2016 में पारित इस कानून का सीनेट के 97 सदस्यों ने समर्थन किया था। यह कानून भी अमेरिका को कोरोना वायरस के कारण हुए नुकसान के बदले चीन से हर्जाना वसूलने का अधिकार देता है।

कॉटन ने गुरुवार को कहा, ‘कोरोना वायरस के बारे में दुनिया को आगाह करने की कोशिश करने वाले डॉक्टरों और पत्रकारों को चुप कराकर चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ने दुनियाभर में वायरस को तेजी से फैलने दिया। वायरस को छुपाने के उनके फैसले से हजारों लोगों की असमय मौत हुई और भारी आर्थिक नुकसान हुआ। यह उचित है कि हम इस नुकसान के लिए चीनी सरकार को जवाबदेह ठहराएं।’ क्रेनशॉ ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि चीन को कोरोना वायरस को छुपाने और दुनियाभर में फैलने देने के लिए उसके दुर्भावनापूर्ण झूठ के प्रति उसे जवाबदेह ठहराया जाए।’

Input : Dainik Jagran

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