लद्दाख स्थित वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन (China) की ओर से सीमा विवाद को लेकर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को हाई लेवल मीटिंग की. इस बैठक में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval), चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General bipin rawat) और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए. पीएम मोदी ने इस बैठक से इतर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से अलग से इस मामले पर बातचीत की.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कर चुके समीक्षा

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सीडीएस जनरल रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ चीन से तनाव के मामले पर लंबी समीक्षा बैठक कर चुके हैं. राजनाथ सिंह को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने इस मामले की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी थी. वह दो दिन पहले ही लेह का दौरा करके लौटे हैं. इसके बाद यह जानकारी मिली है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों की तैनाती पर सवाल पूछे और चीनी तनाव के खिलाफ भारतीय सेना को पूरा सहयोग करने का आश्‍वासन दिया.

6 बार विफल रही बातचीत

बता दें कि पांच मई से अब तक दोनों देशों के सैनिकों के बीच 6 बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन ये विफल रहीं. सूत्रों के मुताबिक चीन का कहना है कि भारत एलएसी पर अपने क्षेत्र में भी निर्माण कार्य नहीं करे. भारत ये मानने को तैयार नहीं है. भारत ने चीन से सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा है. इसके बावजूद चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र से वापस नहीं जा रहे हैं.

भारत ने खारिज किया था चीन का दावा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन के उस आरोप को खारिज किया था कि भारतीय सैनिकों द्वारा चीन की तरफ अतिक्रमण करने की वजह से तनाव बढ़ा. भारत की यह प्रतिक्रिया चीन के उस आरोप के दो दिन बाद आई थी जिसमें उसने कहा था कि भारतीय सेना ने उसके क्षेत्र में अतिक्रमण किया और दावा किया कि यह सिक्किम और लद्दाख में एलएसी के दर्जे को एकपक्षीय बदलने का प्रयास है.

5 मई को हुआ था विवाद

भारतीय और चीनी सैनिक पांच मई को पैंगोंग सो झील इलाके में भिड़ गए थे और इस दौरान लोहे की छड़ों, लाठियों से एक दूसरे पर हमला किया तथा पथराव भी किया जिसमें दोनों तरफ के सैनिकों को चोट आई थी. एक अन्य घटना में करीब 150 भारतीय और चीनी सैनिक नौ मई को सिक्किम सेक्टर के नाकुला पास में आमने-सामने आ गए और इस दौरान हुई झड़प में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए. इससे पहले डोकलाम में 2017 में 73 दिनों तक तक दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने डटे हुए थे जिससे परमाणु हथियार से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच युद्ध का खतरा भी मंडराने लगा था.

बुधवार को समीक्षा करेंगे शीर्ष कमांडर

भारतीय सेना के शीर्ष सैन्य कमांडर बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय सम्मलेन के दौरान पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों में भारत और चीनी सैनिकों के बीच तनावपूर्ण गतिरोध की गहन समीक्षा करेंगे. सूत्रों ने कहा कि कमांडर जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी चर्चा करेंगे. इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर भी इस दौरान चर्चा की जाएगी.

चीन बढ़ा रहा सैनिक

लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पैंगोंग सो झील और गलवान घाटी में चीनी सेना (China) तेजी से अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रही है और इसके जरिये यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वह भारतीय सेना (Indian Army) के साथ टकराव की स्थिति शीघ्र समाप्त करने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में भारत भी चीन को करारा जवाब दे रहा है. भारत ने भी लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की संख्‍या बढ़ा दी है. साथ ही निगरानी और गश्‍त भी कड़ी कर दी है.

Input : News18

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