चुनावी साल में नीतीश सरकार ने नौकरी का पिटारा खोला है. नीतीश कैबिनेट की इस बैठक में विभिन्न विभागों में खाली पड़े 3647 पदों को भरने की स्वीकृति दी गई है.

कैबिनेट की बैठक में मधेपुरा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 356 पदों का सृजन, 100 MBBS पोस्ट सैंक्शन, पारा मेडिकल कालेज में 1235 नए पद का सृजन, पावापुरी स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज में 539 नए पद का सृजन, बेतिया मेडिकल कॉलेज में 539 नए पद का सृजन की मंजूरी मिली है. इसके अलावा पटना हाईकोर्ट में 26 पुस्तकालयध्यक्षों के पद का सृजन, हाई कोर्ट में निजी सहायक के 145 पद के सृजन, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के 720 पदों के सृजन और संविदा के आधार पर विधि सहायक के कुल 61 पदों के सृजन की अनुमति दी गई है.

नीतीश सरकार में कोरोना महामारी के दौर में कई अहम फैसले किए हैं. आरा में नया मेडिकल कॉलेज बनाने के एजेंडे पर मुहर लगी है. बैठक में जम्मू-कश्मीर के बारामूला आतंकवादी हमले में सहीद सैनिको के परिजन को नौकरी देने पर भी मुहर लगाई गई है.  बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं. इस मीटिंग में कुल 61 एजेंडों पर मुहर लगी है. नीतीश कैबिनेट ने 9500 करोड़ रुपये से अधिक राशि की खर्च करने पर दी मंजूरी दी गई है. कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 453 करोड़ की राशि स्वीकृत दी गई है.

मिड डे मील के लाभुकों के खाते में राशि भेजी जाएगी, इसके लिए 151 करोड़ रुपये DBT करने पर मंजूरी मिली है. बिजली बोर्ड के कर्मियों के अंफंडेड टर्मिनल वेनिफीट भुगतान के लिए 757 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. बाढ़ को लेकर कंटीजेंसी फण्ड में 1500 करोड़ रुपये देने की बात हुई है. कोविड महामारी की जागरूकता फैलाने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग को 645 करोड़ रुपये देने की मजूरी मिली है.

बैठक में बिहार विधानमंडल का सत्रावसान के लिए CM को अधिकृत किया गया है. साथ ही एक और बड़ा फैसला लिया गया है. SAP के जवानों का सेवा विस्तार अगले 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है. बालू घाटो की बन्दोबस्ती का एक्सटेंशन 31 दिसम्बर 2020 तक के लिए कर दिया गया है.  पटना के इंटर स्टेट बस टर्मिनलके बेहतर रख रखाव और संचालन के लिए सोसायटी का गठन करने का आदेश दिया गया है.

Source : First Bihar

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