लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन रविवार को व्रतियों ने खरना किया। दिन भर उपवास रखने के बाद शाम में व्रतियों ने छठी मैया की पारंपरिक गीत के साथ खरना पूजा की। वहीं, पूरी पवित्रता के साथ साठी के चावल में बनाए गए रसिआव और रोटी छठी मैया को अर्पित कर परिवार, समाज व देश की उन्नति, धन्य-धान और शांति की कामना की। इसके बाद गाय को एक अंश खिलाया गया। वहीं, नेवज को अपने पुत्र को खिलाया। इसके बाद व्रती महिलाओं ने स्वयं छठी मैया का प्रसाद ग्रहण किया। सोमवार की शाम में अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं मंगलवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ व्रत का समापन हो जाएगा।

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हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को लेकर लॉकडाउन के कारण व्रती अपने घर पर ही इस महापर्व की आराधना कर रही है। सोमवार को व्रत को लेकर किसी भी छठ घाट पर जाने की इजाजत नहीं है। इस कारण अपने दरवाजे या छत पर बनाए गए घाट पर व्रती महिलाएं छठी मैया की आराधना कर अर्घ्य देंगी।

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