कच्चे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जायें, होए ना बलम जी कहरिया, बहंगी घाटे पहुंचायें… केलवा के पात पर उगे लन सुरूजमल झांके-झुके, के करेल छठ बरतिया से झांके-झुके…छठ के ये गीत गुनगुनाते हुए अनीमा खातून गंगा नदी में स्नान करने को चली गयी। अनीमा खातून को छठ के इस गीत का मतलब नहीं पता, बस पता है तो छठी मैया की कृपा जो उनपर हो चुका है। मैया से जो मांगा वो मिल गया। यह कहते हुए अनीमा खातून के आंख में आंसू आ गये। बोली छठी मैया के बारे में सुना था, लेकिन अब इस पर्व की महिमा को मान चुकी हूं। अनीमा खातून बताती है कि छठी मैया ने बेटी को निरोग कर दिया तो मै छठ करने आयी हूं।

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अनीमा खातून ने बताया कि बेटी रून्नी खातून को बुखार लगा था। दुबली होती जा रही थी। बोलना भी बंद कर दिया था। छठी मैया से बेटी को ठीक करने की मंनत मांगी। बेटी कुछ ही दिनों में ठीक हो गयी। बेटी अब बिलकुल ठीक है। फुलवारीशरीफ की अनीमा खातून बेटी को लेकर छठ करने पटना आयी हैं। नहाय खाय के दिन से पूरी तैयारी के साथ अनीमा खातून आ चुकी है। खरना के प्रसाद से पहले गंगा मे स्नान किया। खरना के बाद अर्ध्य का प्रसाद तैयार कर अर्ध्य भी देंगी।

अब बेटा पहुंचा मंनम मांगने

अनीमा खातून की मंनत पूरा होने के बाद अब बेटा मो. शाहरूख भी मंनत मांगने को छठ घाट पर पहुंचा है। अनीमा खातून का बेटा मो. शाहरूख ने बताया कि अम्मी को छठी मैया पर बहुत विश्वास है। अम्मी के विश्वास ने हमारे अंदर विश्वास पैदा कर दिया है। इसलिए मै भी छठी मैया के पास आया हूं। अनीमा खातून की मंनत कोई एक बार पूरा नहीं हुआ है। बल्कि पहले भी भगवान सूर्य उनकी मंनत पूरा कर चुके है। अनीमा खातून ने बताया कि दस साल पहले भी छठी मैया ने मेरी मुराद पूरी की थी। मुराद पूरी होने के बाद मैने छठ किया था। इसके बाद फिर इस बार कर रही हूं। भगवान दीनानाथ की कृपा बहुत है।

छठ मनाने को पूरा परिवार है जुटा 

अनीमा खातून के साथ उनका पूरा परिवार आया है। 15 लोगों के साथ आयीं अनीमा खातून सुबह से सूप, डाला के साथ नारियल, गन्ना आदि खरीदने में व्यस्त रही। मिट्टी का चूल्हा तैयार कर घर से ही लायी हैं। चूल्हा पर खरना का खीर तैयार करने में दोपहर से ही जुट गयी। जलावन के लिए लकड़ी आदि खरीद चुकी थी। अनीमा खातून की मदद के लिए उनकी बहन, जेठानी, देवरानी, बेटा, भतीजा जुटा हुआ था।

छठी मैया की महिमा अपार

छठी मैया की महिमा का गुणगान करने को फुलवारीशरीफ की केवल अनीमा खातून ही नहीं आयी हैं। बल्कि राजगीर सोनी जहां और तेरंगना से गुड़िया खातून भी आयीं हैं। राजगीर से आयीं सोनी जहां ने बताया कि छठी मैया हर किसी की मुराद पूरी करती हूं। वहीं तेरंगना से आयी गुड़िया खातून ने बताया कि पटना का घाट का अर्ध्य देखने आयी हूं।

इनपुट : हिन्दुस्तन

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