छठ पर्व हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल छठ पूजा 20 नवंबर को की जाएगी। सूर्य देव की आराधना और संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए छठ पूजा की जाती है।
इसकी शुरुआत 2 दिन पहले चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से होती है। फिर पंचमी को लोहंडा और खरना होता है। उसके बाद षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है, जिसमें सूर्य देव को शाम का अर्घ्य अर्पित किया जाता है।
अगले दिन सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और फिर पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है। तिथि के अनुसार, छठ पूजा 4 दिन की होती है। ज्योतिषी गिरीश आहूजा ने बताया 20 नवंबर को सूर्योदय 6:48 बजे होगा तथा सूर्यास्त शाम 5:26 बजे होगा।
षष्ठी तिथि एक दिन पहले यानी 19 नवंबर को रात 9:58 से शुरू हो जाएगी और 20 नवंबर को रात 9:29 बजे तक रहेगी। इसके अगले दिन सुबह सूर्य को अर्घ्य देने का समय 6:48 बजे है।
पहला दिन नहाय-खाय
छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। यह छठ पूजा का पहला दिन होता है। इस दिन नहाय खाय होता है। नहाय-खाय 18 नवंबर को है। इस दिन सूर्योदय सुबह 6:46 बजे और सूर्यास्त शाम को 5:26 बजे होगा।
तीसरे दिन छठ पूजा संध्या अर्घ्य
छठ पूजा का मुख्य दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 20 नवंबर को होता है। इस दिन ही छठ पूजा होती है। इस दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्याेदय 6:48 बजे और सूर्यास्त शाम 5:26 बजे होगा।
दूसरे दिन लाेहंडा और खरना
लोहंडा और खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है। लोहंडा और खरना 19 नवंबर को है। इस दिन सूर्योदय सुबह 6:47 बजे और सूर्यास्त शाम को 05:26 बजे होगा।
चौथा दिन सूर्योदय अर्घ्य
छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि काे हाेता है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है। छठ पूजा का सूर्योदय अर्घ्य तथा पारण 21 नवंबर को होगा।
Input: Dainik Jagran