नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry Of India) ने देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण (Coroanvirus) के 227 नये मामलों की पुष्टि होने और तीन मरीजों की मौत होने की जानकारी देते हुये मंगलवार को बताया कि संक्रमण को रोकने के लिये लागू किये गये देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown In India) का पालन सुनिश्चित करने में जनता का कुछ इलाकों में पर्याप्त सहयोग नहीं होने, संदिग्ध मामलों की जानकारी अधिकारियों को समय पर उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण संक्रमण के खतरे वाले इलाके (हॉटस्पॉट) बढ़ रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 1251 मामले हो गये हैं जबकि इससे मौत का आंकड़ा 32 तक पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश में एक एक संक्रमित मरीज की मौत हुयी है.

उन्होंने संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं रुकने के पीछे संक्रमण के नये मामलों से जुड़े इलाकों में लॉकडाउन के पालन में जनसहयोग में कमी और संक्रमण की समय से पहचान में देरी होने को प्रमुख वजह बताया है. उन्होंने कहा कि जिस इलाके से संक्रमण का एक भी मामला सामने आता है, उसे पृथक हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित कर उस इलाके में रोकथाम के उपाय तेज कर दिये जाते हैं.

अग्रवाल ने कहा कि देश में संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही कोरोना प्रभावित इलाके के रूप में चिन्हित हॉटस्पॉट भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुये कहा कि इसके संक्रमण की रोकथाम के लिये संदिग्ध मामलों के संपर्क के दायरे की सटीक पहचान और उस इलाके को संक्रमणमुक्त करने की त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया गया है.

अग्रवाल ने संक्रमण के मामले रोकने के लिये लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने को ही एकमात्र उपाय बताते हुये कहा कि इसकी रोकथाम के लिये सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिये विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने तुर्की, दक्षिण कोरिया और वियतनाम के आपूर्तिकर्ताओं से संपर्क स्थापित किया है.

अग्रवाल ने बताया कि मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण के बारे में प्रमाणिक जानकारी से लोगों को अवगत कराने के लिये ऑनलाइन परामर्श केन्द्र भी शुरु करने की पहल की है. इसे अगले 24 घंटों में शुरु कर दिया जायेगा.

निजी प्रयोगशालाओं में 399 सेंपल की जांच

उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के संक्रमण की स्थिति का जायजा लेने के लिये स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की बैठक हुयी. इसमें राज्य सरकारों द्वारा बनाये गये कोविड-19 अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग बढ़ाने की जररूत पर बल दिया गया. साथ ही राज्यों को ऐसे प्रवासी मजदूरों का परीक्षण कराने को कहा गया है जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दें.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश में कार्यरत 123 प्रयोगशालाओं में अब तक 42,788 नमूनों का परीक्षण किये जा चुका है. इनमें पिछले 24 घंटों में किये गये 4346 परीक्षण भी शामिल हैं.

गंगाखेड़कर ने कहा कि इसके साथ ही देश में परीक्षण का स्तर कुल क्षमता का 36 प्रतिशत हो गया है. अब तक यह 30 प्रतिशत था. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त 49 निजी प्रयोगशालाओं में 399 सेंपल की जांच की गयी.

देश भर में 21064 राहत शिविर बनाये गये

इस दौरान गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन के पालन को लेकर मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर निरंतर निगरानी कर रहा है. उन्होंने आवश्यक वस्तुओं एवं अन्य अनिवार्य सेवाओं की स्थिति को संतोषजनक बताते हुये कहा कि प्रवासी कामगारों के अपने गृह राज्यों के लिये रवाना होने से उत्पन्न स्थिति भी नियंत्रण में है.

श्रीवास्तव ने कहा कि इनके लिये देश भर में 21064 राहत शिविर बनाये गये है जिनमें 6.66 लाख प्रवासी श्रमिकों, बेघरों और अन्य गरीबों को आश्रय एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. श्रीवास्तव ने बताया कि निर्धन तबके के लोगों को भोजन की तलाश में लॉकडाउन के दौरान निकलने से रोकने के लिये राज्य सरकारों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा पूरे देश में लगभग 23 लाख जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

Input : News18

 

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