मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि रोडमैप बनने से राज्य में कई फसलों का उत्पादन बढ़ा है। गेहूं, चावल, मक्का, सब्जी और फलों का उत्पादन बढ़ रहा है। अनाज के मामले में बिहार आत्मनिर्भर है। हमलोगों ने सबों की सुविधाओं के लिए काम किया है। ऐसे में स्वाभाविक है कि लोगों की अपेक्षाएं भी बढ़ेंगी। जनता मालिक है। अगली बार भी मौका देगी तो और काम करेंगे। लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है।

मुख्यमंत्री ने ये बातें रविवार को बापू सभागार में सहकारिता महासम्मेलन में कहीं। सहकारिता क्षेत्र के देशभर के दिग्गजों की मौजूदगी में उन्होंने सम्मेलन का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 साल पहले पैक्स की, बिस्कोमान की क्या हालत थी सबको पता है। हमलोगों ने सरकार में आने के बाद पैक्स के गठन और चुनाव के लिए काम शुरू किया। पैक्स में सदस्यों की संख्या बढ़ी है। धान की अधिप्राप्ति बड़े पैमाने पर हो रही है। धान अधिप्राप्ति में जो कठिनाइयां नमी को लेकर आ रही है उसके समाधान के लिए हमलोग प्रयासरत हैं। मुख्य सचिव और सहकारिता मंत्री इसकी निगरानी कर रहे हैं। पैक्स की संख्या 1 करोड़ 24 लाख हो गई है। इसमें महिलाओं की संख्या 2 लाख से बढ़कर 36 लाख हो गई है। इससे स्वयं सहायता समूह भी जुड़ने लगे हैं। सहकारी बैंकों में 25 महिला सहायक प्रबंधक की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया। टोलों को भी पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। गांव के अंदर पक्की गली-नाली का निर्माण किया जा रहा है। हर घर नल का जल पहुंचाया जा रहा है और इस वर्ष चुनाव के पूर्व ये सभी काम पूरे कर लिये जायेंगे। हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। सारे जर्जर बिजली के तार बदल दिए गए हैं। खेती के लिए कृषि फीडर के माध्यम से हर इच्छुक किसान को कनेक्शन दिया जा रहा है। फसल बीमा की जगह फसल सहायता योजना चलायी गई है। अध्यक्षता भारतीय राष्ट्रीय सहकारिता संघ के अध्यक्ष डा. चंद्रपाल सिंह यादव ने किया। महासम्मेलन के संयोजक थे बिस्कोमान अध्यक्ष सुनील सिंह।

पैक्स को दिए जाएंगे 15 लाख के कृषि यंत्र

सीएम ने कहा कि पैक्स को 15 लाख रुपए तक के कृषि यंत्र दिए जाएंगे, जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से 10 लाख रुपए और राज्य सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। हमारी इच्छा है कि कृषि यंत्र आपलोगों को उपलब्ध हो सके। कहा कि पैक्स जो कृषि यंत्र खरीदेंगे उनसे मेरा निवेदन है कि फसल अवशेष के लिए हैपिसिडर एवं जीरो टिलेज मशीन, रोटरी मल्चर, स्ट्रारीपर तथा रीपर कंबाइंडर यंत्र जरूर खरीदें। इस पर राज्य सरकार द्वारा 75 फीसदी सब्सिडी दे रही है। क्षेत्रीय सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए 5 प्रमंडलों एवं 17 जिलों में 22 सहकार भवन के लिए 56 करोड़ 35 लाख का आवंटन किया गया है। जितने लोग सहकारिता से जुड़ेंगे उतना ही उसका विस्तार होगा। हमारी इच्छा है कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले। हमसे जो भी मदद होगा वह करेंगे। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। केंद्र में कृषि मंत्री रहने के दौरान सहकारिता के क्षेत्र में भी कई काम करने का मौका मिला। सहकारिता को स्वायतता देने के लिए कदम उठाया।

जल जीवन हरियाली को लेकर शपथ

समारोह में मौजूद लोगों ने जल जीवन हरियाली अभियान को बल देने को लेकर शपथ ली। मुख्यमंत्री ने इसकी सराहना की। कहा कि हमलोग काम पर ध्यान देते हैं पब्लिसिटी पर नहीं। बिना प्रचार के मानव शृंखला में 5.16 करोड़ लोग शामिल हो गए। कहा, निर्णय किया है कि प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को एक घंटे सरकारी स्कूलों एवं सरकारी संस्थानों में जल-जीवन-हरियाली के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। यह चर्चा को-ऑपरेटिव सोसायटी एवं पैक्स में भी करायी जाय। नई पीढ़ी का जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति जागरुक होने से उनका भविष्य सुरक्षित हो सकेगा।

मिथिला में हमको लोग क्विंटलिया बाबा कहने लगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में आपदा प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं थी। हमलोगों ने 2007 से आपदा प्रबंधन के लिए काम किया। 2007 में बाढ़ से 22 जिले और ढाई करोड़ लोग प्रभावित हुए थे। सभी लोगों को अन्य सहायता के साथ-साथ एक-एक क्विंटल अनाज भी उपलब्ध कराया गया। मिथिला के क्षेत्र में हमको लोग क्विंटलिया बाबा कहने लगे। वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी में लोगों की सहायता की गई।

Input : Live Hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *