व्हाट्सएप हो या फेसबुक, आपको पोस्ट करने से पहले अपने मैसेज पर ध्यान देना होगा. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपको महंगा पड़ सकता है. दरअसल, आपके सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग की नजर है. जी हां …सोशल मीडिया पर किसी राजनीतिक दल विशेष के पक्ष में पोस्ट करना यूजर को महंगा पड़ सकता है.

चुनाव आयोग ने इसके लिए साइबर सेल का गठन किया है. सोशल मीडिया के हर पोस्ट पर नजर रखी जा रही है. खासकर फेसबुक तथा व्हाट्सएप पर किए जा रहे पोस्ट पर साइबर सेल नजर रखी रही है. बिहार के जिलों में भी साइबर सेल का गठन हो चुका है. जिला प्रशासन चुनाव की घोषणा होते ही इस पर सक्रिय हो गई हैं.

वहीं फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप की भी निगरानी की जा रही है. पुलिस अधिकारियों की मानें तो किसी पार्टी विशेष के पक्ष में प्रचार के लिए अगर कोई फेसबुक या व्हाट्सएप यूजर पोस्ट करना चाहते हैं तो उन्हें नियमानुकूल परमिशन लेनी होगी. अपने हर पोस्ट की जानकारी संबंधित अधिकारी को देना होगा.

इसको सख्ती से पालन करने के लिए जिला प्रशासन का निर्वाचन विभाग सक्रिय है. सोशल मीडिया के माध्यम से प्रोपेगेंडा फैलाने, आपत्तिजनक टिप्पणियां तथा किसी खास दलीय उम्मीदवार के प्रचार संबंधित तस्वीर-वीडियो पोस्ट करने वालों यूजर की निगरानी शुरू कर दी गई है.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को चुनाव ती तारीखों का शंखनाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि कुल 7 चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे. पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल, दूसरे चरण की 18 अप्रैल, तीसरे चरण की 23 अप्रैल, चौथे चरण की 29 अप्रैल, पांचवे चरण की 6 मई, छठे चरण की 12 मई और सातवें चरण की वोटिंग 19 मई को होगी. इसके बाद 23 मई नतीजे घोषित होंगे.

Input : Live Cities

 

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