उतर बिहार के विज्ञान के छात्रों को खगोल की दुनिया को नजदीक से जानने समझने के लिए अब बाहर नहीं जाना होगा। अगर सबकुछ समय पर चलता गया तो अगले साल 2022 में जिले में ताराघर बनकर तैयार हो जाएगा। ताराघर निर्माण के लिए स्थल चयन को दिल्ली से स्पेश इंडिया समूह से जुडे़ विशेषज्ञ व अधिकारियों की टोली जून के दूसरे सप्ताह में यहां आएगी। इस प्रक्रिया के पूरा हो जाने के बाद पीपीपी मोड पर निर्माण का काम पूरा किया जाएगा। ताराघर के लिए दो एकड जमीन की जरूरत होगी और इस पर अनुमानित खर्च दो करोड रुपये आएगा। उत्तर बिहार के औद्योगिक चेन को मजबूत करने की दिशा में एनबीआइसी की पहल से आने वाले दिन में रोजगार के अवसर मुजफ्फरपुर व आसपास के इलाके में मिलेंगे।
इस काम को जमीन पर उतारने वाली नार्थ बिहार इंड्रस्ट्रीयल काेरिडोर संस्था एनबीआइसी के मीडिया प्रभारी रंजीत तिवारी ने कहा कि आज विज्ञान के छात्र एस्ट्रोनामी व स्पेश साइंस की दुनिया में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उनको बिहार से बाहर जाना पड़ता है, लेकिन अब उनको बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। ताराघर व स्पेश रिसर्च सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। सरकार अब अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में शोध को आगे बढाने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनी को अपने साथ लेकर चलने की इजाजत दी है। इसी कडी में स्पेश साइंस के क्षेत्र में काम करने वाली देश की प्रतिष्ठ कंपनी स्पेश इंडिया ग्रुप का एनबीआसी के साथ तकनीकी सहयोग के लिए एग्रीमेेंट हुआ है।
स्पेश इंडिया समूह को एनबीसीआइ यहां पर जगह व स्थानीय स्तर पर संस्थान उपलब्ध करायेगा। तिवाारी ने कहा कि नार्थ बिहार इंड्रस्ट्रीयल काेरिडोर मजबूत होगा तो युवाओं को हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस काम को पूरा करने के लिए सरकार के साथ देश के दूसरे राज्य से जब तक बडे उद्योगपति नहीं आऐंगे तब तक विकास को गति नहीं मिलेगी। एनबीआइसी देश के उद्योगपतियों को यहां पर लाने की दिशा में काम कर रही है।
शोध केन्द्र पर उद्योग लगाने के लिए सरकारी जमीन की आशा में विलंब की संभावना रहती है। इसलिए प्रोजेक्ट के हिसाब से अब उतर बिहार में मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में निजी जमीन मालिक से संपर्क कर बडी-बडी परियोजनाओं को जमीन पर उतारने का काम किया जाएगा। ताराघर पहला प्रयोग होगा।
स्पेश इंडिया ग्रुप दिल्ली के सीएमडी व संस्थापक सचिन बम्बा ने कहा कि तरेगना का सूर्यग्रहण 22 जुलाई 2009 के समय उनकी संस्था को सरकार के साथ अंतरिक्ष से कवरेज कर आमजन तक पहुंचाने का मौका मिला। उसके बाद लगा कि बिहार में स्पेश साइंंस की दिशा में काम किया जाए। इसी कड़ी में एनबीआइसी के साथ मिलकर ताराघर के निर्माण की दिशा में काम चल रहा है। आने वाले दिनों में अंतिरक्ष विज्ञान के लिए रिसर्च सेंटर बनाने की योजना है।
Input: dainik jagran