“कौन कहता है कि आसमा में सूराक नही हो सकता यारो,एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो” दुनिया मे कोई भी काम नामुमकिन नही होता है। आदमी को अपना प्रयास करना चाहिए। इसका जीता जागता उदाहरण अररिया जिला में देखने को मिला है। जहां एक सरकारी विद्यालय की व्यवस्था देख आपको विश्वास नही होगा कि यह सरकारी विद्यालय है। उक्त प्राथमिक विद्यालय छुरछुरिया,संकुल बसगड़ा रामपुर में अवस्थित है। मुज़फ़्फ़रपुर नाउ टीम ऐसे शिक्षको को सलाम करती है तथा बच्चे ज उज्ववल भविष्य की कामना करती है। बिहार के अन्य शिक्षक को भी इससे सीख लेने की जरूरत है। सरकारी विद्यालयों को किस प्रकार सुदृष्ट किया जा सकता है। कमेंट बॉक्स में बताए।