कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। इस बार यह 27 अक्टूबर, रविवार को मनायी जाएगी। इस दिन कई स्थानों में मां काली की पूजा भी की जाएगी। साथ ही इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विधान है। शुभ मुहूर्त में विधिवत लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाएगी। दीपावली केशुभ संयोगों में इस बार प्रदोष काल मुहूर्त, वृषभ काल मुहूर्त और महानिशीथ काल मुहूर्त अति उत्तम है। स्थिर लग्नों में की गई पूजा भी विशेष लाभ दे सकती है। इसके अलावा इस बार दीपावली पर दर्श अमावस्या का खास संयोग बन रहा है, जो बेहद लाभकारी साबित होगा।

उमेश नगर, जीरोमाइल के गुरुदेव नीरज बाबू बताते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अमावस्या तिथि देवी लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु को समर्पित है। दर्श अमावस्या का संयोग और भी लाभकारी साबित होता है। दरअसल इस अमावस्या पर लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से जीवन की आर्थिक परेशानी दूर होती है। विवाह में आ रही अड़चनें भी दूर हो जाती हैं। साथ ही कई बीमारियों से भी निजात पाया जा सकता है।

पितृ दोष निवारण के लिए बेहद शुभ

मान्यता है कि दर्श अमावस्या पूर्वजों की पूजा और पितृ दोष निवारण के लिए बेहद शुभ है। इस अमावस्या पर व्रत रखने का भी विधान है। चंद्र दोष से मुक्ति के लिए इस दिन व्रत रखना लाभकारी माना जाता है। भगवानपुर स्थित बाबा मनोकामना नाथ महादेव मंदिर के आचार्य संतोष तिवारी बताते हैं कि आध्यात्मिक समृद्धि के लिए चंद्र देवता की पूजा खास मानी गयी है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से मानसिक शांति और स्वभाव में शालीनता बनी रहती है। मानसिक व्याधियां दूर होती हैं। साथ ही भाग्यवृद्धि और सुख-समृद्धि आती है।

Input : Dainik Jagran

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