जब जिंदा थे तो घर जाने के लिए ट्रेन नहीं मिली. अब मरने के बाद रेलवे ने 16 मजदूरों के शव को ट्रेन से आज उनके घर भेजा है. अगर यह ट्रेन एक दिन पहले मिल गई होती तो आज 16 मजदूर जिंदा होते. उनके घर में आज कोहराम नहीं मचा होता. पत्नी विधवा और बच्चे अनाथ नहीं होते. पूरे गांव में शव पहुंचने के बाद कोहराम मचा हुआ है.
विशेष ट्रेन से भेजा गया शव
औरंगाबाद में हादसे में 16 मजदूरों की मौत के बाद महाराष्ट्र से एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन मध्यप्रदेश के जबलपुर पहुंची. इस ट्रेन में ही दो बोगियों में 16 मजदूरों का शव था. जबलपुर पहुंचने के बाद विशेष ट्रेन से दो बोगियों को उमरिया और शहडोल भेजा गया. इसमें 11 मजदूर शहडोल और 5 उमरिया के रहने वाले थे. सभी के गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा.
Maharashtra: Mortal remains of the 16 migrant labourers, who died after they were run over by a freight train near Aurangabad yesterday, were sent to Madhya Pradesh on a special train – carrying migrant labourers to the state – last night. pic.twitter.com/Vizt4EZS7H
— ANI (@ANI) May 9, 2020
मालगाड़ी से कटने से 16 की हुई थी मौत
कल औरंगाबाद से मध्यप्रदेश 16 मजदूर पैदल ही रेलवे ट्रैक पकड़कर घर जा रहा थे. 35 किमी पैदल चलने के बाद रात हो गई और सभी मजदूर थक गए. जिसके बाद सभी ट्रैक पर ही सो गए. इस दौरान मालगाड़ी आई और 16 मजदूर कट गए. ट्रैक पर सोने वाले कोई भी नहीं बचा. जो मजदूर ट्रैक से दूर सो रहे थे वही बच पाए. सभी मजदूर मजबूर होकर पैदल ही घर जा रहे थे.