जिले के 50 से अधिक प्राइवेट स्कूल बंद होने की कगार पर हैं। इन स्कूलों पर लॉकडाउन की मार पड़ी है। प्राइवेट स्कूल की समस्या को लेकर बने तिरहुत एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल की समीक्षा में यह मामला सामने आया है। एसोसिएशन ने ऐसे सभी स्कूल को चिन्हित किया है। सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूलों के अलावा जिले में बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल चल रहे हैं। अभी सभी स्कूलों में कक्षाएं बंद हैं। बड़ी संख्या में ऐसे छोटे स्कूल हैं जहां 400 से 1000 के बीच बच्चों की संख्या है। इन स्कूलों में कमोबेश नामांकन भी बंद है। एसोसिएशन के सचिव सुमन कुमार ने बताया कि ये स्कूल इस स्थिति में आ गए हैं कि इनमें ताला लगाना पड़ सकता है। कई स्कूल बंद हो चुके हैं। वहां के बच्चों का नामांकन दूसरे स्कूल में कराया गया है। जिले में एक हजार से अधिक स्कूल हैं। 50 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जो किराए के मकान में चल रहे हैं और अब उनके पास किराया तक देने के लिए रुपये नहीं है। बच्चों की फी जमा नहीं हो रही, नया नामांकन लिया नहीं जा रहा। ऐसे में स्कूल के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। बैंक के लोन से स्कूल चलाने से लेकर इन स्कूलों के पास शिक्षकों को वेतन तक देने के लिए राशि नहीं है।

एसोसिएशन शुरू करेगा फंड की व्यवस्था:

सुमन कुमार ने बताया कि एसोसिएशन ने एक ऐसा फंड बनाने की योजना बनाई है जो इन बंद होते स्कूलों की मदद करेगा। इस फंड के माध्यम से ऐसे स्कूलों को लोन दिया जाएगा। इसमें प्रमंडल केसभी स्कूल मदद करेंगे ताकि स्कूल सुचारू रूप से चल सके। अन्य स्कूलों को भी चिह्नित किया जा रहा है, जिन्हें ऐसी मदद की जरूरत है। इन सभी स्कूलों को एसोसिएशन की ओर से बनाई गई वेबसाइट के माध्यम से मदद दी जाएगी। यह फंड प्राइवेट स्कूल की इस तरह की समस्या के समाधान के लिए ही बनाया जा रहा है।

Input : Live Hindustan 

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