प्रदेश की 5846 पंचायतों में इंटरनेट सेवा बहाल होगी। इसके लिए सरकार ने जून तक का लक्ष्य तय किया है। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के निर्देश पर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग कार्ययोजना को अंतिम रूप दे रहा है।
नये बजट में 134 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी है। विभाग के अधिकारी ने बताया कि पंचायतों में इंटरनेट सेवा को बहाल करने का मकसद युवाओं और पढ़े-लिखे किसानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना भी है। हाल में केंद्र सरकार ने भी गांवों में ई-एग्रीकल्चर और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने की पहल की है। इसके लिए केंद्र ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को पत्र लिखा है।
सरकार ने तय किया है कि पंचायत सरकार भवनों या कॉमन सर्विस सेंटर में इंटरनेट सेवा के लिए प्रखंड स्तर पर निगरानी तंत्र को विकसित किया जाएगा। इससे ग्रामीणों तक स्वास्थ्य, शिक्षा, जीविकोपार्जन, दक्षता और डिजिटल ट्रेनिंग की सुविधा तो पहुंचेगी ही, साथ में ई-एग्रीकल्चर और ई-कॉमर्स जैसी सेवाओं का भी विस्तार होगा। वहीं ग्रामीणों तक स्वास्थ्य, शिक्षा, जीविकोपार्जन, दक्षता और डिजिटल ट्रेनिंग की सुविधा तो पहुंचेगी।
प्रस्तावित कार्ययोजना के मुताबिक, सभी पंचायतों की बसावटों में इंटरनेट की सुविधा मिले, इसके लिए हर पंचायत में करीब पांच से छह वाई-फाई स्थापित किए जाएंगे। मौजूदा समय में 180 प्रखंडों की 2692 पंचायतों में ब्रॉड बैंड सेवा उपलब्ध करा दी गई है। उसके बाद 2324 और पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइवर बिछा दिया गया है, वहां अप्रैल तक पंचायत सरकार भवन या कॉमन सर्विस सेंटर में ब्रॉड बैंड उपकरण स्थापित किए जाएंगे। उनकी देखभाल व सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हें ही दी जाएगी।
Source : Dainik Jagran