NITI आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मोबाइल डेटा (Mobile Internet) और कॉल के लिए न्यूनतम मूल्य तय करने का समर्थन किया है. कांत ने कहा है कि कर्ज में डूबे टेलीकॉम सेक्टर के लिए और कोई विकल्प नहीं बचा है. वर्तमान में टेलीकॉम कंपनियां कॉल और डेटा की कीमतें तय करने के लिए आजाद हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा की वजह से इन कंपनियों ने रेगुलेटरी अथॉरिटी को हस्तक्षेप करने को कहा है.
इस समय देश में मोबाइल यूजर 4G डेटा को 3.5 रुपये प्रति GB के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. अब टेलीकॉम कंपनियां इस न्यूनतम रेट को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. अगर टेलीकॉम कंपनियों की बात मान ली गई, तो मोबाइल इंटरनेट के दाम 5 से 10 गुना बढ़ जाएंगे.
कर्ज में डूबी वोडाफोन-आईडिया ने डेटा के न्यूनतम मूल्य को 35 रुपये प्रति GB करने का प्रस्ताव दिया है. वहीं, एयरटेल (Airtel) इस मूल्य को 30 रुपये प्रति GB और रिलायंस जियो (JIO) ने इसे 20 रुपये प्रति GB करने की मांग की है.
फिलहाल, वोडाफोन-आईडिया और एयरटेल के डेटा का मौजूदा दर 4 रुपये प्रति GB और रिलायंस जियो का मौजूदा दर 3.90 रुपये प्रति GB है.
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) इस मामले में फिलहाल सभी पक्षों से बातचीत कर रही है. हालांकि, कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने न्यूनतम मूल्य तय करने को एक पीछे जाने वाला कदम बताया है. CCI का कहना है कि ऐसा करने से बाजार पर बुरा असर पड़ेगा.