लोक जन शक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) एनडीए से अलग लड़ने का ऐलान किया तो यह बीजेपी (BJP) के लिए एक बड़ा झटका माना गया. यह इसलिए कि एनडीए (NDA) की बड़ी सहयोगी जेडीयू (JDU) पहले से ही अकेले लड़ने की घोषणा कर चुकी है. अब ये दोनों पार्टियां मिलकर झारखंड के साथ दिल्ली में भी बीजेपी को और बड़ा झटका दे सकती है. दरअसल, जेडीयू के बड़े नेता ने ये संकेत दिए हैं कि एलजेपी और जेडीयू इन दोनों प्रदेशों में एक साथ चुनाव लड़ सकती हैं.

जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने न्यूज 18 से बात करते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि एलजेपी तो एक तरह से जेडीयू का ही हिस्सा है. वैचारिक तौर पर नीतीश कुमार और रामविलास पासवान की विचारधारा समान है. समरस विचार की दोनों पार्टियां झारखंड और दिल्ली में अगर एक साथ संयुक्त अभियान चलाएगी तो समाज का बड़ा तबका इनके साथ आएगा.

बता दें कि मंगलवार को चिराग पासवान ने यह ऐलान कर दिया था कि झारखंड में एलजेपी 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. हालांकि, उसके बाद जेडीयू के साथ चुनाव लड़ने की भी खबरें सामने आने लगी हैं. राजनीतिक गलियारों से मिल रही खबरों पर यकीन करें तो कहा जा रहा है कि जेडीयू-एलजेपी के बीच बातचीत भी जारी है.

दूसरी तरफ, जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने झारखंड में एलजेपी और जेडीयू के साथ चुनाव लड़ने की अटकलों पर कहा कि चिराग ने अपने तरीके से फैसला लिया है, जबकि जेडीयू ने पहले से ही अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. गठबंधन के लिए चिराग ने देर से फैसला लिया है. जेडीयू में किस स्तर पर बात हो रही पता नहीं. सूत्रों की मानें तो एलजेपी ने दिल्ली में भी अकेले चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. जाहिर है महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के अलगाव के बाद जेडीयू-बीजेपी का इन प्रदेशों में इकट्ठे आना एक बड़ा सेटबैक साबित हो सकता है.

Input : News18

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