नई दिल्ली. कोरोनावायरस की वजह से अमेरिकी सरकार ने भारत के एच -1बी वीजा होल्डर्स और ग्रीन कार्ड आवेदकों को 60 दिन यूएस में एक्डस्ट्रा रुकने की इजाजत दी है. ये छूट उन लोगों को दी गी है जिन्हें डॉक्यूमेंट सब्मिट करने के लिए नोटिस जारी किया गया था. यूएस सिटिजनशिप एंड इम्मिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि 60 दिनों का ग्रेस पीरियड बढ़ाकर एच -1बी वीजा होल्डर्स और ग्रीन कार्ड आवेदकों को रियायत दी गई है.

60 दिनों के भीतर Form I-290B भरना जरूरी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूएससीआईएस का कहना है कि यह छूट इसलिए दी गई है कि कोरोनावायरस के संकट के दौरान लोग अपने नोटिस में दी गईं रिक्वेस्ट का जवाब आराम से दे सकें और फॉर्म Form I-290B भर सकें. एच -1बी वीजा होल्डर्स और ग्रीन कार्ड आवेदकों पर कोई भी एक्शन लेने से पहले यूएससीआईएस 60 दिनों के भीतर प्राप्त Form I-290B फॉर्म पर विचार करेगा.

महामारी के दौरान आई संकट की घड़ी में इम्मिग्रेशन का लाभ पाने वालों के लिए यूएससीआईएस इम्मिग्रेशन के दौरान आने वाली समस्या को कम कर रहा है. अमेरिका में कोरोवायरस वायरस महामारी के कारण व्यवसायों पर पड़ने वाले प्रभाव का असर एच-1बी वीजा होल्डर्स पर पड़ रहा है, जो कि उनके वीजा को खतरे में डाल सकता है. अमेरिका में लगभग दो लाख लोग एच-1बी वीजा पर हैं और ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं.

पिछले दो महीनों में, लाखों अमेरिकी नागरिक अपनी नौकरियां गवां चुके

पिछले दो महीनों में, लाखों अमेरिकी नागरिक अपनी नौकरियां गवां चुके हैं. हालांकि, वीजा पर काम करने वाले लोगों को ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि H1-B वीजा लोकेशन और एम्पलॉयर से जुड़ा है, जिसमें वह प्राप्तकर्ता को बेसिक वेतन देने के लिए सहमत होता है. वेतन में कटौती और यहां तक ​​कि वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था भी वीजा नियमों के खिलाफ है. अब उन H-1B वर्कर्स को, जिन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है, उनके पास नई नौकरी खोजने के लिए 60 दिनों का समय है. अगर वे इस दौरान नौकरी नहीं खोज पाते हैं या एक अलग वीजा टाइप में शिफ्ट नहीं होते हैं तो उन्हें घर लौटना होगा.

Input : News18

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