कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से 31 मई तक के लिए देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इसी बीच 1 मई से प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनों के परिचालन को लेकर गृह मंत्रालय ने कई बड़े निर्णय लिए हैं. होम मिनिस्ट्री की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र जारी कर नया निर्देश जारी किया गया है.
गृह मंत्रालय की ओर से दूसरे राज्य में फंसे मजदूरों के लिए नया मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया गया है. इस नए आदेश के मुताबिक ट्रेनों की मांग को लेकर राज्य सरकारों को रेलवे मंत्रालय से बातचीत करनी होगी. दोनों राज्य सरकारों की अनुमति के बाद ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है. नोडल अफसर के जरिये राज्यों से सम्पर्क करना होगा. टिकट कहां उपलब्ध होंगे, ये रेल मंत्रालय तय करेगा.
गृह मंत्रालय की ओर से कही गई 7 बड़ी बातें –
1. गृह मंत्रालय से परामर्श के बाद ही रेल मंत्रालय श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आवागमन की अनुमति देगा.
2. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर प्रवासी मजदूरों को भेजने और प्राप्त (रिसीव) करने की आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए.
3. ट्रेन शेड्यूल के बारे में रेलवे की ओर से जानकारी दी जाएगी. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बातचीत के बाद स्टेशन पर ठहरने और गंतव्य स्थल तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया जायेगा.
4. ट्रेन की सूची, ट्रेन टिकट की बुकिंग, ट्रेन शेड्यूल और गंतव्य स्थल सहित ट्रेन की लिस्ट को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की आवश्यकताओं के आधार पर अंतिम रूप दिया जायेगा. रेल मंत्रालय ही इसके बारे में जानकारी साझा करेगा. यात्रियों के प्रवेश और आवाजाही के लिए प्रोटोकॉल, कोचों में प्रदान की जाने वाली सेवाओं और टिकटों की बुकिंग के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ बातचीत के बाद रेलवे इसकी जानकारी देगा.
5. सभी यात्रियों की जांच (स्क्रीनिंग) अनिवार्य रूप से की जाएगी. जांच के बाद ही यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दी जाएगी.
6. बोर्डिंग और यात्रा के दौरान सभी यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा.
7. अपने गंतव्य पर पहुंचने के बाद यात्रा करने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की ओर से इसकी सुविधा निर्धारित की जाएगी.
Input : First Bihar