अगर आप ट्रेन में कोरोना संक्रमण फैलाने के दोषी पाए जाते हैं तो 05 साल तक की जेल हो सकती है. रेलवे ने हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन न रखने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही है. रेलवे ने आम लोगों और रेल यात्रियों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान की शुरूआत भी की है.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुनील बेनीवाल के मुताबिक रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रेल प्रशासन ने जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं. अगर कोई व्यक्ति रेलवे स्टेशनों या ट्रेनों में इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता है और कोरोना संक्रमण फैलाने का जिम्मेदार पाया जाता है तो रेलवे ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा.

किसी व्यक्ति या यात्री को अगर यात्री सुविधाओं को नुकसान पहुंचाने या जानबूझकर कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम 1989 के तहत कार्रवाई की जाएगी. रेलवे अधिनियम 1989 के तहत 05 साल की जेल और जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है.

कोई यात्री अगर ट्रेन में उचित तरीके से मास्क ना पहनने, सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन नहीं करने, कोविड संक्रमित होने या सैम्पल देने के बाद रिपोर्ट आने से पहले ही यात्रा करने का दोषी पाया जाता है तो ऐसे यात्री पर रेलवे गंभीरता से कार्रवाई करेगा. सार्वजनिक क्षेत्र में थूकने, गन्दगी फैलाने या कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए रेलवे पहले ही सिर्फ रिजर्व ट्रेनें चला रहा है. साथ ही ट्रेनों में पूरी तरह से हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. स्टेशन पर भी सिर्फ उन्हीं यात्रियों को आने की अनुमति है जिनके पास कन्फर्म टिकट है.

Source : Zee News

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