पप्पू देव की मौत की खबर फैलते ही सदर अस्पताल में सुबह पांच बजे से ही समर्थकों की भीड़ जुटने लगी। कुछ ही देर में पूरा अस्पताल परिसर समर्थकों से भर गया। हालांकि, पप्पू देव की मौत की घटना के बाद एहतियात के तौर पर पुलिस भी बडी संख्या में अस्पताल परिसर में मौजूद थी। महिला पुलिस बलों का भी दस्ता अस्पताल में तैनात कर दिया गया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर शव के पोस्टमार्टम के लिए मजिस्ट्रेट सहित मेडिकल बोर्ड की तैनाती की गयी। इधर पप्पू समर्थक शव की एक झलक पाने के लिए हो हल्ला करते रहे। समर्थक चिल्लाते रहे कि उन्हें अपने पप्पू देव को देखना है। अस्पताल में मौजूद एसडीपीओ संतोष कुमार एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा ने आक्रोशित लोगों को यह कहकर समझाते रहे कि दंडाधिकारी की मौजूदगी में ही शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाएगा। करीब पौने दस बजे मजिस्ट्रेट नीरज सिंहा अस्पताल पहुंचे तो मजिस्ट्रेट के देख रेख में शव की जांच शुरू हुई।

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(छावनी में तब्दील नजर आया सदर अस्पताल

मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में ही जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी गयी। इसके बाद करीब साढे ग्यारह बजे शव को एंबुलेंस से पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। समर्थकों ने फिर से हो हंगामा करना शुरू कर दिया। जिसके बाद थोड़ी देर के लिए अस्पताल मोड़ सड़क को जाम भी किया गया। पप्पू देव समर्थक छापेमारी करने गयी पुलिस पदाधिकारियों पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। समर्थकों व स्वजनों ने पिटाई से ही उनकी मौत होने का आरोप प्रशासन पर लगा रहे थे।

चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम

पप्पू देव का पोस्टमार्टम चार सदस्यीय चिकित्सकों का दल ने किया। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. एसपी विश्वास के नेतृत्व में गठित टीम में डा. किशोर कुमार मधूप, डा. एसके आजाद एवं डा. अखिलेश कुमार शामिल थे। पोस्टमार्टम के बाद उनके समर्थक पप्पू देव की पत्नी पूनम देव के इंतजार में ही रूक गये। बाद में मोबाइल पर ही बातचीत होने के बाद समर्थक उनके शव को एंबुलेंस से ही बिहरा करीब चार बजे निकले। एंबुलेंस के पीछे- पीछे समर्थकों की भीड़ भी थी। सदर एसडीपीओ सहित सदर एसडीओ के अलावा अन्य पुलिस पदाधिकारी उनके पैतृक गांव बिहरा तक साथ गए।

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घटना की हो न्यायिक जांच

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व पप्पू देव के रिश्तेदार शालिग्राम देव ने कहा कि पप्पू देव पहले अपराध से जुड़ा था। लेकिन जब सभी अपराध से मुक्त होकर घर पहुंचा तो शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत करने लगा तो एक साजिश के तहत उमेश ठाकुर के यहां पुलिस ने उसकी निर्ममता ढंग से उनकी हत्या कर दी। जिसकी मैं ङ्क्षनदा करता हूं। इस घटना की न्यायिक जांच हो, सीबीआई जांच हो। उन्होंने नीतीश कुमार से न्याय देने की मांग की। कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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दिल में ही दफ्न हो गया बेटी की विवाह का ख्वाब

संजय कुमार देव उर्फ पप्पू देव की मौत होने से स्वजनों व ग्रामीणों में मातम छाई हुई थी। स्वजनों का कहना था कि पप्पू कहा करता था कि वे अपने इकलौते पुत्र व पुत्री की शादी की धूमधाम से करेगा। लेकिन उनकी ये तमन्ना दिल में ही दफन रह गयी। बूढ़ी मां इंग्लिश देवी को नहीं पता था कि उनके इकलौते बेटे पप्पू देव की मौत हो गई है। मगर दरवाजे पर लोगों की भीड़ देख उन्हें पता चल गया। खबर सुनते ही वो बेहोश हो गई। पत्नी पूनम देव जोर-जोर से रो रही थी। पुत्र बाबू ( 20 वर्ष ) एवं पुत्री शालू ( 21 वर्ष ) नहीं पहुंच पायी थी। स्थानीय लोगों के अनुसार दोनों देहरादून में पढ़ाई कर रहे हैं।

Source : Dainik Jagran

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