बिहार को जिन्होंने सिर्फ फिल्मों और वेब सीरीज के माध्यम से ही देखा है, जो बिहार कभी आये नही है.. उनके लिये बिहार की अवधारना में आज भी माफिया और गुंडाराज है. यहां हर कुछ के लिये चाकू- तलवार और तमंचा ही चलता है. प्रदेश की यह फ़िल्मी छवि लोगो को बिहार जाने से डराने वाली है. फ़िल्मी कहानी और वेब सीरीज बिहार को सबसे अराजक दिखाने में हर वक्त आगे रहती है. ये दिखाने से उनके कुंठित सोच को किक मिलता है.

पूर्वाग्रह से ग्रसित फ़िल्म निर्माताओं को बिहार की बदनामी करने से पहले, एक बार इस नये और बदलतें बिहार को भी देखना चाहिये. हालिया मामलों की बात करे तो, दक्षिण के चर्चित वेब सीरीज़ ” परंपरा ” में चिरान नाम के एक बिहारी आपराधिक चरित्र को फिल्माया गया है.

परंपरा के पांचवे एपिसोड ” चतुरम ” में सीरीज के मुख्य पात्र नायडू पर हमला करने के लिये उसका दुश्मन “हर्षा” बिहार के मुजफ्फरपुर के अपराधियों को उसकी सुपारी देता है.. मुजफ्फरपुर से अपराधी विशाखापत्तनम जाकर नायडू पर हमला करते है, हमला में नाकाम होने बाद नायडू के बड़े भाई मोहनराव को अपराधियों के बिहार कनेक्शन का पता चलता है. मोहनराव बिहार जाते है और वहां उनपर भी हमला हो जाता है.. बाद में सीरीज का अभिनेता और मोहनराव का बेटा “गोपी” अपने लोगो को मुजफ्फरपुर भेजता है औऱ लालच देकर चिरान को मुजफ्फरपुर से विशाखापट्टनम बुलाता है और वहां उसकी हत्या कर देता है… हत्या से पहले चिरान चिल्लाकर कहता है, साले बिहार में होते तो फाड़ कर रख देते..

वहीं हॉटस्टार पर ही एक दूसरी सीरीज “अतरंगी रे” में भी बिहार के सिवान जिला को दिखाया गया है. यहां मुख्य पात्र अभिनेता धनुष का अपहरण कर उसका पकड़वा बियाह सारा अली खान से करा देते है. सीरीज में बिहार के बाढ़ को भी मजाकिया तौर पर दिखाया गया है.

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मेरी आपत्ति बिहार को किसी वेब सीरीज या फ़िल्म में दिखाये जाने से नही है. मेरी आपत्ति इसलिये है की फिल्मों और सीरीज़ में हर बार बिहार का सिर्फ अपराध ही क्यों दिखाया जाता है.. ये फिल्मी दुनिया के लोग बिहार की सकारात्मकता क्यों नहीं दिखाते. वास्तव में यह उनके मन में बिहार के प्रति पूर्वग्रह की वजह से है.. जो बिहार को देश स्तर पर अराजकता का पर्याय साबित करने की जिद्द लिये बैठे है.

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एक सबसे ख़ास बात, इन सभी वेब सीरीज में बिहार को दिखाया तो गया है लेक़िन इसकी शूटिंग बिहार में नही की गई है. निर्माता बिहार का जिक्र सीरीज और फ़िल्म में करना तो चाहते है लेकिन इसकी शूटिंग बिहार से बाहर करते है.. “परंपरा” सीरीज में मुजफ्फरपुर जंक्शन का सीन दिखया गया है लेकिन यह जंक्शन बनावटी है, एक फर्जी जगह पर मुजफ्फरपुर का बोर्ड लटका दिया गया.. मुजफ्फरपुर दिखाने के लिये यहाँ के वास्तविक जंक्शन या शहर को दिखाया जाता तो इसके लिये उन्हें बिहार आना पड़ता है.. फिल्मी दुनिया का कुंठित समाज बिहार को बदनाम तो करना चाहता है लेक़िन फ़िल्म और सीरीज़ की शूटिंग बिहार में नही करना चाहता..

अभिषेक रंजन, मुजफ्फरपुर में जन्में एक पत्रकार है, इन्होंने अपना स्नातक पत्रकारिता...

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