जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अनुमंडल कार्यालय पश्चिमी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी पश्चिमी को आवश्यक निर्देश भी दिए गए। निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि 107 से संबंधित कुल 1151 मामले और 145 से संबंधित 115 मामले लंबित हैं।

उक्त विषय पर निर्देश दिया गया कि प्राथमिकता के आधार पर स- समय निष्पादन करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि अपर अनुमंडल पदाधिकारी भी सप्ताह में 3 दिन कोर्ट करें एवं प्राथमिकता के आधार पर मामलों का निष्पादन करें ताकि आम लोगों को इसका लाभ मिले।

राशन कार्ड के निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि आरटीपीएस पर कुल 151504 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 41368 आवेदनों को स्वीकृत किया गया उसके विरुद्ध 15181 राशन कार्ड बने एवं उसे वितरित किया गया। शेष 26187 को विहित प्रक्रिया के तहत 2 सप्ताह के अंदर निराकरण करने का निर्देश दिया गया।

2011 के जनगणना के अनुसार पश्चिमी अनुमंडल के सभी 7 प्रखंडों में राशन अनुज्ञप्ति धारियों की संख्या 1061 होनी चाहिए परंतु वर्तमान में उनकी संख्या 893 है। शेष अभी भी प्रक्रियाधीन है। इसे 2 सप्ताह के अंदर निष्पादित करने का निर्देश दिया। वही कार्यालय स्थित नजारत के निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि 81 लाख की राशि अवशेष है। जिसका मिलान कैश बुक एवं पासबुक से करने पर सही पाया गया।

इस संबंध में निर्देश दिया गया कि भूमिसम परिवर्तन, कोर्ट फी, सूचना का अधिकार, भू राजस्व एवं पंचायत से प्राप्त राशि को 1 सप्ताह के अंदर संबंधित शीर्षवार सरकार के खाते में जमा करें । वहीं 24 लाख 18 हजार की राशि असमायोजित पाई गई। इस संबंध में निर्देश दिया गया कि विभाग से आवंटन प्राप्त कर संबंधित शीर्ष में समायोजित करना सुनिश्चित करें। जबकि विभिन्न कर्मियों को अग्रिम के रूप में 214000 की राशि दी गई थी जिनका कर्मियों द्वारा वापसी जमा लंबित पाया गया। इस संबंध में निर्देश दिया गया कि संबंधित कर्मियों को जिन्होंने प्राप्त अग्रिम की राशि अभी तक वापस नहीं की है उन्हें नोटिस करें एम राशि जमा कराना सुनिश्चित करें। जो कर्मी स-समय अग्रिम राशि जमा नहीं करेंगे उन पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी ।

अनुमंडल कार्यालय पश्चिमी के निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि वहां कार्यपालक दंडाधिकारी के 4 पद स्वीकृत है और वर्तमान में चारों पद खाली हैं। इस संबंध में बताया गया कि जिलाधिकारी के स्तर से समान प्रशासन विभाग विभाग को पत्र लिखा जाएगा। उपस्थिति पंजी का निरीक्षण करने पर पाया गया कि परंपरागत रूप से उपस्थिति बनाई जा रही है। निर्देश दिया गया कि बायोमेट्रिक प्रणाली (जिसमें चहरे से पहचान होती है) से उपस्थिति बनाई जाए। कुल मिलाकर निरीक्षण के क्रम में डीएम संतुष्ठ दिखें।

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