मुजफ्फरपुर : डीएलएड की परीक्षा पर निर्णय नहीं होने के विरोध में शनिवार को अभ्यर्थी अपने-अपने घरों में धरने पर बैठे। डीएलएड की फाइनल इयर की परीक्षा की दो बार तिथि रद्द करने और कोई आदेश नहीं मिलने पर अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा न होने और डिग्री नहीं मिलने से हमारा भविष्य अधर में है। मामला सरकारी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज से दो वर्षीय डीएलएड कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों का है। 2018-20 के अभ्यर्थियों के फाइनल इयर की परीक्षा अब तक नहीं हुई है। जबकि इनका कोर्स खत्म हो चुका है। सत्र 19-21 के अभ्यर्थियों के पहले साल की परीक्षा लटकी हुई है।

यह परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से कराई जाती है। शनिवार को बिहार राज्य प्रशिक्षु शिक्षक संघर्ष संघ के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकेश राज के नेतृत्व में जिला समेत पूरे बिहार के प्रशिक्षुओं ने अपने-अपने आवास पर लॉकडाउन का पालन करते हुए सुरक्षित तरीके से धरना दिया। डीएलएड सत्र 2018-20 की फाइनल ईयर की परीक्षा से संबंधित कोई ठोस निर्णय नहीं जारी करने के कारण सरकार के प्रति गहरा रोष प्रकट किया।

अभ्यर्थियों ने कहा कि इस मामले में पूरे बिहार के प्रशिक्षुओं ने सरकार एवं शिक्षा विभाग को हजारों की संख्या में आवेदन भेजे हैं। लेकिन सरकार की ओर से हमारी परीक्षा परिणाम से संबंधित कोई ठोस निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है।मई में ही पूरा हो चुका है सत्र: अभ्यर्थियों ने कहा कि नियमानुसार मई 2020 में ही सत्र पूरा हो चुका है। अब भी यदि फाइनल डिग्री प्रदान करने में सरकार विलंब करती है तो हमारा भविष्य संकट में फंस जाएगा। जब तक यह डिग्री फाइनल नहीं हो जाती, तब तक मानसिक दबाव में रहेंगे और आगे की पढ़ाई या कोई अन्य कोर्स नहीं कर पाएंगे।

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