शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए नाला सफाई की तय डेडलाइन 15 मई को समाप्त हो गई। पर, शहर के 50 फीसदी से ज्यादा नालाें की सफाई नहीं हो सकी है। यूं ताे नगर निगम प्रशासन का दावा है कि शहर में 80% नालाें की सफाई कर ली गई है, लेकिन हकीकत यही है कि प्रमुख इलाकाें के भी अधिकतर नाले जाम हैं। वैसे निगम प्रशासन यह स्वीकार कर रहा है कि अभी प्रमुख नालाें की सफाई हाेनी बाकी है। वार्ड 23 के पार्षद राकेश सिन्हा पप्पू ने कहा कि मोतीझील में 15-20% से अधिक नाले की सफाई नहीं हुई है। उधर, शहर के हार्ट इलाके इस्लामपुर रोड, तिलक मैदान रोड, शेखर सिनेमा रोड व हरिसभा रोड के नालाें की भी सफाई नहीं कराई गई है। वार्ड 21 के पार्षद केपी पप्पू का कहना है कि उनके वार्ड में 40% नालाें की ही सफाई हुई है। दूसरी तरफ प्रमुख नाला साफ नहीं होने से इसका भी लाभ मिलना मुश्किल हाेगा।
गरीब स्थान इलाके में अभी भी जलजमाव है। स्लुइस गेट के पास नाला क्लीयर नहीं हुआ है। नालाें पर पक्का निर्माण सबसे बड़ी समस्या है। एमएसकेबी के निकट मन की सफाई निगमकर्मियों ने नाव से की ताे पानी कुछ डाउन हुआ, पर पक्का निर्माण टूटे बगैर इसका लाभ नहीं मिलेगा। वार्ड 20 के पार्षद संजय केजरीवाल ने कहा कि उनके वार्ड में 60% नालाें की सफाई हो गई है।
बैंक रोड, कासिम गली, गोपालजी लेन, सूतापट्टी शीतला गली समेत कई अन्य नाले साफ हो चुके हैं। इस्लामपुर मेन रोड में नाले की सफाई के लिए सुपर सकर मशीन की मांग की गई है। वार्ड 9 के पार्षद एनामुल हक ने कहा 25% से ज्यादा नालाें की सफाई नहीं हुई है। छोटे-छोटे नाले ही साफ किए गए हैं। प्रमुख नालाें में अभी हाथ ही लगा है। दूसरी अाेर निगम अधिकारी का कहना है कि ज्यादातर गलियाें के नाले साफ कर लिए गए हैं।
इधर, मेयर बोले- नाला सफाई की समीक्षा होगी : मेयर सुरेश कुमार ने कहा कि नाला सफाई में काेई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 15 मई की डेडलाइन दी गई थी, इसकी जल्द समीक्षा होगी।
Input: Dainik Bhaskar