अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे को लेकर भारत में जमकर तैयारियां चल रही हैं. पीएम मोदी खुद ट्रंप का स्वागत करेंगे और दुनिया के सबसे बड़े मोटेरा स्टेडियम में दोनों नेता मंच भी साझा करेंगे. डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे को लेकर सबसे ज्यादा परेशान कोई मुल्क है तो वो पाकिस्तान है. ट्रंप और मोदी की दोस्ती पाकिस्तान को पहले ही खटकती है और अब तो ट्रंप खुद भारत आ रहे हैं तो ऐसे में उसका परेशान होना लाजिमी है.

 

ट्रंप जब भारत पहुंचेंगे तो इतना तो पक्का है कि हिंदुस्तान में अमेरिका वाले हाउडी मोदी वाले कार्यक्रम से भी भव्य आयोजन होगा. उससे भी बड़ा उत्सव होगा और उससे भी बड़ा जनसैलाब उमड़ेगा. ये भी तय है कि जब दोनों देश के प्रमुख साथ-साथ चलेंगे और साझा मंच से बोलेंगे तो एक-एक शब्द पाकिस्तान के कान में पिघले हुए शीशे की तरह चुभेगा. उसने आतंक को छुपाने के लिए अपने चेहरे पर इन दिनों जितने नकाब ओढ़ रखे हैं उनकी धज्जियां उड़ेंगी.

पाकिस्तान की हालत होगी पतली

दुनिया का सबसे बड़ा गुजरात का मोटेरा स्टेडियम, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, स्थिति जब ऐसी होगी तब पाकिस्तान की हालत तो पतली होनी ही है. उसपर से मोदी-ट्रंप की पर्सनल बॉन्डिंग, क्या-क्या होगा? कैसे-कैसे होगा? पाकिस्तान इसी सोच में परेशान है. सबसे ज़्यादा उसकी तकलीफ कश्मीर को लेकर है.

डोनाल्ड ट्रंप के आने से जितनी खुशी भारत को और भारत आने की जितनी खुशी ट्रंप को है उससे कहीं ज्यादा कष्ट पाकिस्तान को है. दरअसल, पाकिस्तान अमेरिका के रसूख का इस्तेमाल अपनी कश्मीर पॉलिसी के लिए करना चाहता है. पाकिस्तान बार-बार इसी लिहाज से ट्रंप के सामने कश्मीर मामले में मध्यस्था को लेकर गिड़गिड़ाता भी रहता है. पिछले महीने दावोस में इमरान खान राष्ट्रपति ट्रंप से मिले तो उनसे पाकिस्तान आने की मिन्नतें भी कर आए थे, लेकिन जब खबर ये आई कि राष्ट्रपति ट्रंप तो हिंदुस्तान जाएंगे तो पाकिस्तान के होश उड़ गए.

राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने सबसे तगड़ा प्रहार पाकिस्तान पर ही किया था. उन्होनें ये तक कहा था कि अब तक अमेरिका की पिछली सरकारों ने जितनी भी मदद की उसके बदले में पाकिस्तान अमेरिका को बेवकूफ बनाता रहा और उस पैसे का इस्तेमाल अमेरिका के दुश्मन आतंकियों की मदद में ही लगाता रहा.

डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद भी इतनी कम कर दी कि उसकी पूरी इकोनॉमी चरमरा गई. अब ट्रंप इमरान से बात कर रहे हैं तो पाकिस्तान इसी में खुश हो रहा है, जबकि सच्चाई ये है कि इमरान अब भी ट्रंप के लिए एक प्यादे से ज्यादा अहमियत नहीं रखते.

Input : Aaj Tak

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