मुंबई. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि उनके खिलाफ “गलत इरादों” के आधार पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाए. वानखेड़े ने कमिश्नर को लिखे एक पत्र में कहा कि कुछ “अज्ञात व्यक्ति” क्रूज शिप ड्रग्स भंडाफोड़ मामले के संबंध में उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने में शामिल हैं.
वानखेड़े ने लिखा, “आपके संज्ञान में यह भी लाया जाता है कि अत्यधिक सम्मानित सार्वजनिक पदाधिकारियों द्वारा सार्वजनिक मीडिया पर उन्हें जेल और बर्खास्तगी की धमकी जारी की गई है.” हालांकि उन्होंने इस पत्र में किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया है. इस चिट्ठी में नाम ना लेते हुए नवाब मलिक के बारे में वानखेड़े ने लिखा कि वे उन्हें जेल भेजने और नौकरी से निकलवाने की धमकी दे रहे हैं.
गवाह ने एनसीबी पर लगाए रिश्वत मांगने के आरोप
समीर वानखेड़े ने यह चिट्ठी ऐसे समय में लिखी है, जबकि मुंबई के अपतटीय इलाके में क्रूज पोत से मादक पदार्थ की जब्ती मामले में स्वतंत्र गवाह ने रविवार को दावा किया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी और कुछ अन्य लोगों ने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान से मामले में गिरफ्तार बेटे आर्यन खान को रिहा करने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की.
एनसीबी ने आरोपों को बताया ‘झूठ’
मामले में गवाह प्रभाकर सैल ने मीडिया को बताया कि एनसीबी अधिकारियों ने उनसे नौ से 10 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा. हालांकि, एनसीबी अधिकारी ने आरोपों से इनकार करते हुए इसे “पूरी तरह से झूठ और दुर्भावनापूर्ण” बताया है.
आपको बता दें कि एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेडे के नेतृत्व में इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने क्रूज पोत पर ‘नशे’ का भंडाफोड़ किया था और उसके बाद मामले में तीन अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था. इस समय आर्यन मुंबई के आर्थर रोड जेल में कैद हैं.
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