मुंबई. सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग एंगल की जांच रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम का शिकंजा रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) पर कसता दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक, मनी लांड्रिंग (Money Laundering) की जांच के दौरान केंद्रीय एजेंसियों को रिया के मोबाइल से NDPS एक्ट में आने वाले ड्रग्स की सप्लाई, उनका सेवन, उनकी खरीद-फरोख्त में रिया की संलिप्तता का पता चला है. बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले की तह तक जाने के लिए रिया के फोन का क्लोन तैयार किया था, जिसमें ड्रग्स से जुड़ी कई अहम जानकारी लगी है.
इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सौंप दिए गए हैं. रिया के वॉट्सएप चैट की जांच में रिया चक्रवर्ती की ड्रग्स की सप्लाई, खरीद-फरोख्त, सेवन की साज़िश में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की बात पता चलती है. लिहाजा NDPS एक्ट की धारा 20(b)/22/27/28/29 के तहत रिया चक्रवर्ती पर मामला बनता है.
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के केस में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम को भले ही रिया चक्रवर्ती के घर से कुछ खास सबूत हाथ न लगे हों इसके बावजूद इस मामले में रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी हो सकती है. बता दें कि NDPS कानून के मुताबिक ये जरूरी नहीं है कि किसी शख्स या आरोपी के पास से ड्रग्स बरामद हो तभी उसको गिरफ्तार किया जाएगा या उसे सजा होगी.
क्या है NDPS एक्ट?
NDPS की कई धाराओं में अगर किसी शख्स के पास से ड्रग्स डील से जुड़े दस्तावेज यानी वाट्सऐप चैट्स, ड्र्ग्स खरीद फरोख्त में मनी ट्रेल के सबूत और CRD कॉल डिटेल्स के रिकॉर्ड भी गिरफ्तारी के लिए काफी हैं. इन सबमें सबसे अहम NCB के सामने NDPS अधिनियम, 1985 की धारा 67 के तहत दिए गए आरोपियों के बयान सबसे ज्यादा मायने रखते हैं. NCB के सामने दिए बयान कोर्ट में दिए बयान के बराबर हैं. इसका मतलब साफ है कि अगले कुछ घंटों के बाद शोविक और सैमुअल मिरांडा की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं.
Source : News18