थोड़ी सी बारिश और तैरने लगता है शहर। जलजमाव शहरवासियों की सालाना पीड़ा बनी हुई है। इससे मुक्ति को बेदम नालों की उड़ाही पर निगम पानी में लाठी पीट रहा है। शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने लिए एक ओर जहां पांच दशक पूर्व बनी जल निकासी योजना दम तोड़ चुकी है। वहीं लाखों खर्च कर बगैर आउटलेट के नई नालियों का निर्माण किया जा रहा है। शहर के लिए बना ढाई अरब का सीवरेज प्लान फाइलों से गायब हो चुका है और शिलान्यास के बाद भी जल निकासी योजना भटक रही है।

पिछले कई वर्षो में बगैर आउटलेट के गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों में नाला बना दिया गया। इनसे शहर का पानी तो दूर लोगों के घरों का पानी तक नहीं निकल पाया। सारा पैसा नाला में बहा दिया गया, पर शहर का पानी नहीं निकला। हर साल की तरह इस बार भी बरसात पूर्व सभी छोटी-बड़ी नालियों की बड़े पैमाने पर उड़ाही कराई गई है, लेकिन जलजमाव की पीड़ा से मुक्ति नहीं मिली।

बंद होते जा रहे आउटलेट बढ़ा रहे परेशानी

शहर के पश्चिमी भाग का पानी दामोदरपुर रेल गुमटी से होकर बाहर निकलता है। ग्रामीणों द्वारा नाला बंद किए जाने से हर साल शहर का पश्चिमी भाग पानी में डूब जाता है। शहर के पूर्वी भाग का पानी बालूघाट स्लूस गेट के माध्यम से बाहर निकलता है। लेकिन, आधा दर्जन लोगों ने इस निकासी मार्ग पर अतिक्रमण कर लिया है। इससे बहाव बाधित हो रहा है। नारायणपुर-दिघरा रोड नाला को पूरी तरह से भर दिया गया है। इससे बेला-दिघरा आउटलेट स्थायी रूप से बंद हो गया है।

बहाव में बाधक बने अतिक्रमणकारी

नालियों के बहाव में अतिक्रमण सबसे बड़ी बाधा है। शहर के कई भागों में नाले को पूरी तरह से अतिक्रमित कर बहाव को रोक दिया गया है। वहीं नालों पर चाय-पान की स्थायी एवं अस्थायी दुकानें खोल दिए जाने से उड़ाही बाधित हो रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई में निगम उदासीनता बरत रहा है।

समस्या दूर होने का लोगों को इंतजार

बीबीगंज संजय कुमार सिंह ने कहा कि निगम द्वारा नाला की उड़ाही की गई है, लेकिन इससे समस्या से मुक्ति नहीं मिलने वाली। आधा घंटे की बारिश में शहर पानी-पानी हो गया। शहर में नाले बनें, लेकिन आउटलेट नहीं होने से वे किसी काम के नहीं हैं। निगम इस पीड़ा से मुक्ति के स्थायी उपायों पर ध्यान नहीं दे रहा। छोटी कल्याणी की अलका वर्मा ने कहा कि शहरवासियों को जलजमाव से मुक्ति नहीं मिलने वाली। बरसात आने पर कहा जाता है कि अगले साल से परेशानी नहीं होगी, लेकिन उनका अगला साल कब आएगा पता नहीं।

जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का जुमला शहरवासियों के लिए पीड़ा बन गई है। इस बावत अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने कहा कि बरसात पूर्व शहर की सभी छोटी-बड़ी नालियों की उड़ाही की गई है। बारिश होने पर जमा पानी घंटा-दो घंटा में निकल जा रहा है। जहां भी जलजमाव हो रहा वहां निगमकर्मी पानी निकासी को लगे हैं। स्थायी निदान को जलनिकासी की योजना पर जल्द ही काम होगा।

Input : Dainik Jagarn

 

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