एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने कहा है कि कुछ मीडिया हाउस निजामुद्दीन मरकज विवाद पर अपनी रिपोर्ट में तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के बजाय उनकी तस्वीरें लगा रहे हैं, जिससे मौलाना नोमानी की छवि खराब हो रही है और उन्होंने ऐसा करने वाले मीडिया हाउस को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना नोमानी ने कहा, मीडिया हाउसों तबलीगी ज़मात विवाद से संबंधित रिपोर्टों में उनकी तस्वीरों का प्रयोग ना करे.
उन्होंने मीडिया से “कोरोनोवायरस महामारी से संबंधित मुद्दों को कवर करते हुए” संयम और जिम्मेदारी के साथ कार्य करने का आग्रह किया, उन्होंने कहा, “अगर मेरे अनुरोध के बावजूद, मेरी तस्वीर को जानबूझकर लगाया जाता है, तो मेरे पास कानूनी सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा ” उन्होंने कहा, इस वक्त मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे मे नहीं कहना चाहता हूं, क्योंकि ऐसे समय में किसी और विवाद को खरा करने का कोई मतलब नहीं है जब पूरा देश कोरोना महामारी जैसी इस भारी आपदा से जूझ रहा हो.
” नोमानी ने कहा कि वह”स्पष्ट रूप से 24 मार्च को देशव्यापी तालाबंदी (घोषित) के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान का समर्थन करते हैं” उन्होंने पीटीआई को बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के पहले ही, मैंने सभी प्रमुख इस्लामिक न्यायविदों और मौलवियों के बीच शुक्रवार की प्रार्थनाओं को रोकने की तत्काल आवश्यकता पर सर्वसम्मति बनाने की पहल की थी.
उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों के लिए इस मुसीबत के समय में जरूरत है, वर्ग, रंग या पंथ के भेदभाव किये बिना इस महामारी को रोकने के लिए राष्ट्रीय प्रयासों में हाथ मिलाये, हम किसी भी तबके किसी भी झिझक तत्व को कलह फैलाने या धार्मिक भावनाओं को भड़काने की अनुमति नहीं दे सकते, जब दुनिया हमारे देश को इस भयावह स्थिति का सामना करते हुये देख रही है, और इस कठिन समय में हर इंसान की जान बचायी जाये यहीं हमारी पहली प्राथमिकता है. मीडिया जवाबदेही से काम करे और हर नागरिक सरकार के हर पहल का सहयोग करे.
भूल चूक सुधार : मरकज़ और तबलीगी ज़मात से संबंधित ख़बरों को चलाने के दौरण, अन्य मीडिया हाउस के तरह ही मुजफ्फरपुर नॉउ द्वारा एक रिपोर्ट में ग़लत तस्वीर का प्रयोग हुआ, फॉलोअप स्टोरी करने और अन्य मीडिया हाउस द्वारा फैलाये गए भ्रम के कारण और तस्वीरों में समानता होने के कारण हम भी इस भ्रम का शिकार हुए और हमसे ग़लती हुई, वक़्त रहते हम इस भूल को सुधार करते है, इस संबंध में मुजफ्फरपुर नॉउ को खेद है.