बिहार विधान परिषद के तिरहुत क्षेत्र शिक्षक निर्वाचन के लिए गुरुवार काे मतदाताओं ने काेराेना काे मात देते हुए बंपर मतदान किया। 79.77 प्रतिशत शिक्षक मतदाताओं ने वाेट डाले। दूसरी तरफ स्नातक क्षेत्र के चुनाव में उत्साह कम दिखा। सिर्फ 43.91 प्रतिशत वाेटिंग हुई। यह पिछले चुनाव से भी कम रहा। पिछले चुनाव में 46.33 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इसके साथ ही सभी 22 प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटियों में बंद हो गई। कड़ी सुरक्षा व एहतियात के बीच हुए चुनाव में पुरुषाें के साथ महिला मतदाताओं ने भी भारी उत्साह से मतदान किया। कोरोना काल में हुए इस पहले बड़े चुनाव में कोरोना का थोड़ा असर ताे दिखा। लेकिन, शिक्षकाें ने उसे मात देते हुए यह दिखा दिया कि संक्रमण से बचाव जरूरी है, पर मतदान के अधिकार का प्रयोग भी उतना ही जरूरी।
धैर्य के साथ साेशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए अपनी बारी का इंतजार किया। बूथाें पर कोरोना संक्रमण से बचाव के भी पुख्ता इंतजाम थे। वाेट के पहले मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई और हाथों को सैनिटाइज कराया गया। मतदाता भी मास्क पहने पहुंच रहे थे। मतदान सुबह 8 बजे से शुरू हुआ।
पहले घंटे में रफ्तार काफी धीमी रही। हर बूथ पर 12 से 15 वोट गिरे। कलेक्ट्रेट कैंपस स्थित एसडीओ पूर्वी पश्चिमी, डीसीएलआर पूर्वी पश्चिमी में शिक्षक निर्वाचन के लिए 4 बूथ होने के बावजूद 10 बजे तक सन्नाटा रहा। पर, दिन चढ़ने के साथ मतदान में तेजी आने लगी। पूजा कर मतदाता घर से निकले तो दोपहर बाद कई बूथाें पर लंबी-लंबी कतारें लग गईं।
मतदान के लिए पूर्व वीसी को 60 किमी दूर साहेबगंज और प्राध्यापक काे पटना जाना पड़ा
मतदान के दौरान बूथाें काे लेकर कई मतदाताओं को भारी परेशानी हुई। उर्दू फ़ारसी विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी एवं विवि उर्दू विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. तौकीर आलम को मतदान के लिए 60 किलाेमीटर दूर साहेबगंज जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनका विभाग विवि और घर सादपुरा में है। फिर भी पता नहीं कि कैसे साहेबगंज भेज दिया गया। आरडीएस कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. विकास नारायण उपाध्याय ने बताया कि उन्हें एक दिन पहले मैसेज आया कि स्नातक में उनका बूथ पटना है।
कई बूथों पर हाथ जोड़े हुए प्रत्याशी ले रहे थे मतदाताओंं का हालचाल
मतदान के दिन भी मतदाताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश होती रही। कलेक्ट्रेट गेट से घुसते ही कई शिक्षक प्रत्याशी हाथ जोड़ कर मतदाताओं से उनका हालचाल पूछते दिखे। ये प्रत्याशी सुबह से ही वहां जमे रहे। मोबाइल से भी वोटरों को बुलाने एवं अन्य बूथों की भी जानकारी लेने का कार्य चलता रहा।
भीड़ अधिक न हाे, इसलिए बूथ भी अधिक थे: भीड़ अधिक नहीं हाे, इसलिए इस बार बूथ भी अधिक थे। पिछले चुनाव में स्नातक क्षेत्र के लिए मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली के कुल 90526 मतदाताओं के लिए 96 बूथ थे। इस बार 94775 वोटराें के लिए 127 और मुख्यालय में 59 बूथ थे। शिक्षक निर्वाचन के लिए 2014 में 8172 मतदाताओं के लिए 57 बूथ थे। इस बार 8684 मतदाताओं के लिए चारों जिलों में 58 और मुजफ्फरपुर में 19 बूथाें पर मतदान हुआ।
Source : Dainik Bhaskar