हाजीपुर टाउन थाना एरिया में हुए बिहार के सबसे बड़े लूटकांड की जांच अब एक स्पेशल टीम करेगी. इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया है. मुजफ्फरपुर के रेंज आईजी गणेश कुमार इस एसआईटी को लीड करेंगे. दरअसल, 21 करोड़ रुपए के सोना लूटकांड की जांच और इस कांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के आदेश पर एसआईटी को बनाया गया है. इसके लिए आईजी हेडक्वार्टर नैयर हसनैन खान की तरफ से एक आदेश भी जारी किया गया है. इस एसआईटी में एसटीएफ के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को शामिल किया गया है.आपको बता दें कि एसटीएफ से पहले ये वैशाली जिले के एसपी थे. एसआईटी में दूसरा बड़ा नाम जयंतकांत का है, जो वर्तमान में मुजफ्फरपुर के एसएसपी हैं. इनके अलावा शिवहर के एसपी संतोष कुमार, वैशाली के प्रभारी एसपी मृत्युंजय कुमार चौधरी, सीआईडी के एसपी शैलेस कुमार, डीएसपी एसटीएफ दिलीप कुमार, एसडीपीओ हाजीपुर सदर राघव दयाल, एसडीपीओ महुआ नुरुल हक और एसडीपीओ महनार रजनीश कुमार एसआईटी में शामिल हैं. इस कांड में हर दिन की जांच और डेवलपमेंट की जानकारी बिहार पुलिस मुख्यालय को देनी होगी. इसके लिए एसआईटी इंचार्ज को खास निर्देश दिया गया है.
बरती गई बड़ी लापरवाही
सबसे बड़े लूटकांड में 7 अपराधियों के चेहरे तो सबके सामने आ गए. तीन की पहचान भी हो गई. लेकिन सोमवार की शाम ढ़लने तक पुलिस टीम के हाथ पूरी तरह से खाली हैं. लगातार कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी का दौर जारी है. लेकिन सफलता नहीं मिली है. इस बीच मुजफ्फरपुर पुलिस की एक बड़ी लापरवाही जरूर सामने आई है. वैशाली के लालगंज के रहने वाले अपराधी विरेंद्र शर्मा को मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम पकड़ नहीं पाई. इसी साल के फरवरी महीने में वहां मुथूट फाइनांस के ब्रांच से ही 10 करोड़ के सोना की लूट हुई थी. इस कांड में विरेंद्र शर्मा और समस्तीपुर का विकास झा शामिल था. विरेंद्र शर्मा लगातार फरार था. आपको यह बात जानकार बेहद ही आश्चर्य होगा कि फरवरी के कांड में सोमवार को मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम इश्तेहार लेकर अपराधी विरेंद्र शर्मा के घर गई थी. उसे चिपकाया.
अब पुलिस टीम उसकी संपत्ति की कुर्की जब्ती करने की तैयारी में है. सवाल ये है कि इस प्रक्रिया में मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम ने इतनी बड़ी लापरवाही क्यों बरती? इस फरार अपराधी को पहले क्यों नहीं पकड़ा?
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