बिहार के राजनीति में बड़ी उठापटक जारी है. इसी क्रम में अब लोजपा की लड़ाई अपने ही गठबंधन के अहम घटक दल जदयू से हो गई है और चिराग की हालत अभी भाजपा से बैर नहीं और नीतीश तेरी ख़ैर नहीं जैसी है.
बिहार की राजनीति में लोजपा एक ख़ास तबका का प्रतिनिधित्व करती है इसी पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कहा जाता है. रामविलास का इतिहास रहा है कि वो हर गठबंधन के साथ रह चुके है और संयोग से ऐसा कई बार हुआ है की लोजपा जिस गठबंधन के साथ रही है उसी गठबंधन ने जीत दर्ज किया है.
रामविलास अटल बिहारी वाजपेयी के भाजपा और सोनिया गांधी के कांग्रेस के कार्यकाल मे भी मंत्री रह चुके है और वर्तमान समय में मोदी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री है. इन्ही कारणों से उन्हें मौसम वैज्ञानिक कहा जाता रहा है. और इसी कहावत के बाबत यह कहा जा रहा है कि रामविलास पासवान के पुत्र चिराग़ अपने पिता की तरह ही नीतीश को हारता देख उनसे दूर हो गये.
लोजपा और जदयू के संबंधों में बीते कई दिनों से बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा था और नतीजा यह निकला की अंततः जदयू से चिराग़ अलग हो गए ऐसे में कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने चुटकी लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार को हारता हुआ देखकर चिराग़ पासवान जदयू से अलग हो गए. सही मायनों में किसकी हार औऱ किसकी जीत यह तो 10 नवंबर को पता चलेगा लेक़िन वर्तमान समय में चिराग के एनडीए से अलग होने से बिहार में राजनीतिक भुचाल का माहौल है.
चिराग वर्तमान मे अपनी पार्टी के साथ केंद्र की राजनीति में गठबंधन का हिस्सा है और उनके पिता रामविलास पासवान केंद्रीय मंत्री भी है. ऐसे हालात में क्या चिराग़ के दल को भाजपा केंद्र की राजनीति से बाहर करेगी या नही, यह देखना भी दिलचस्प होगा.