होशंगाबाद जिले में दिल दहलाने वाला वाकया हुआ. यहां एक जवान बेटे ने ट्रेन के सामने आकर जान दे दी. बेटे की मौत से बेसुध पिता भी ठीक उसी दौरान दूसरे ट्रैक से गुजर रही दूसरी ट्रेनकी चपेट में आ गया और उसकी भी मौत हो गयी. अब घर में बुजुर्ग दादी और 5 और 4 साल के दो पोते रह गए हैं. बहू यानि बच्चों की मां पहले ही घर छोड़कर जा चुकी थी.
रोंगटे खड़े कर देने वाला ये वाकया सोहागपुर के मारूपुरा में हुआ. यहां रहने वाले विश्वकर्मा परिवार के बेटे छोटेलाल का अपने पिता मोहनलाल से विवाद हो गया. छोटे लाल की पत्नी दीवाली के दिन घर छोड़कर मायके चली गयी थी. तभी से घर में तनाव था और आए दिन झगड़ा हो रहा था. कल भी इसी बात पर परिवार में विवाद हुआ और गुस्से में आकर छोटे लाल घर से निकलकर भागा.
पल भर में खत्म हुआ परिवार
बेटे को मनाने के लिए पिता मोहनलाल भी उसके पीछे पीछे भागे. गुस्से से भरा छोटेलाल रेलवे ट्रैक पर चला गया. वो खुदकुशी करने पर आमादा था. पिता उसे समझा रहे थे लेकिन तभी ट्रेन आ गयी और छोटे लाल उसकी चपेट में गया. पल भर में उसके शरीर के चिथड़े चिथड़े उड़ गए और ट्रैक पर दूर तक खून और मांस के लोथड़े बिखर गए. बेटे की मौत से बेसुध पिता मोहनलाल वहीं बैठकर रोने लगे. इसी दौरान अगली ट्रेन आ गई और मोहनलाल इंजन से टकराकर दूर जा गिरे. बुरी तरह घायल मोहनलाल को अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
घर छोड़ गयी थी बहू
छोटेलाल औऱ मोहनलाल का फर्नीचर बनाने का काम था. छोटे लाल की पत्नी अनबन होने के कारण महीना भर पहले दीवाली के दिन घर छोड़कर मायके चली गयी थी और तब से लौटकर नहीं आयी थी. इसी वजह से छोटेलाल तनाव में रहता था. घर में उसके 3 और 5 साल के दो बेटे हैं. छोटे लाल अपने दोनों बेटों और माता पिता के साथ रह रहा था. अब पिता पुत्र की मौत के बाद दोनों मासूम बच्चे और छोटेलाल की मां घर में रह गए हैं.
ट्रैक पर दूर तक बिखरा खून और शरीर के अंग
घटनास्थल पर दिल दहलाने वाला दृश्य था. ट्रेन की चपेट में आने के बाद ट्रैक पर दूर तक छोटेलाल के शरीर के अंग बिखर गए थे. जीआरपी ने टॉर्च और मोबाइल फोन की रोशनी में उसके अंग इकट्ठे किए. आज पिता पुत्र दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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