सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रविवार को दोपहर 12 से 2 बजे तक कोई चिकित्सक नहीं दिखे। इससे मरीजों को परेशानी हुई। ब्रह्मपुरा से मरीज काे लेकर पहुंचे परिजनों ने इसे लेकर हंगामा भी किया। फिर निजी अस्पताल ले गए। बालूघाट के मुकेश कुमार ने कहा कि बेटी को पेट दर्द और डायरिया होने पर वे इमरजेंसी वार्ड में लेकर पहुंचे।

वहां आराम फरमा रहे दो कर्मियाें ने बताया कि चिकित्सक राउंड पर हैं। डाॅक्टर काे खाेजने के लिए जनरल वार्ड तक गए पर नहीं मिले। वार्ड में 4-5 मरीज ही थे। उनके परिजनाें ने बताया कि रविवार को ताे डॉक्टर नहीं आते हैं। चिकित्सक के नहीं मिलने पर वे लाेग वहां से निजी अस्पताल चले गए। इनके अलावा ब्रह्मपुरा से पहुंचीं इशरत जहां समेत कई अन्य मरीजाें काे भी लाैटना पड़ा।

बाेले सीएस- डिस्प्ले बाेर्ड पर अंकित रहेगा डाॅक्टर का नाम व माेबाइल नंबर

सिविल सर्जन डाॅ. विनय शर्मा ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सक काे 24 घंटे रहना चाहिए। काेई चिकित्सक क्याें नहीं थे, इसकी उपाधीक्षक से रिपोर्ट ली जाएगी। इमरजेंसी में रोस्टर लागू किए जाने के लिए सख्ती की जा रही है। साथ ही जिस डाॅक्टर की ड्यूटी रहेगी उनका नाम और मोबाइल नंबर अब डिस्प्ले बाेर्ड पर अंकित रहेगा।

डीएम के निर्देश पर भी नहीं बनी हेल्प डेस्क, भटकते रहते मरीज

डीएम के निर्देश पर भी सदर अस्पताल में हेल्प डेस्क नहीं बनी। इस कारण टीकाकरण कराने, आरआई की जानकारी लेने या फिर अन्य कार्य के लिए आनेवाले लोग इधर-उधर भटकते रहते हैं। दूसरे लोगों से रास्ता पूछते रहते हैं। रविवार को एमसीएच स्थित टीकाकरण केंद्र पर जाने के लिए लोग भटकते रहे। रविवार होने के कारण अस्पताल में लोगों की संख्या कम थी। एेसे में काेई उन्हें बता भी नहीं पा रहा था। काफी देर भटकने पर कोरोना वैक्सीन सेंटर के कर्मियों से ही पता चला। बता दें कि डीएम प्रणव कुमार ने सिविल सर्जन को हेल्पडेस्क बनाने का निर्देश दिया था। लेकिन, 15 दिन बाद भी अब तक हेल्पडेस्क नहीं बन सकी।

रविवार को कंट्रोल रूम में नहीं आते कर्मी आठ में तीन तैनात दिखे, वो भी गप्पे लड़ाते

कोरोना, बाढ़ और एईएस काे लेकर सदर अस्पताल में बनाए गए कंट्राेल रूम में प्रतिनियुक्त कर्मी रविवार को नहीं आते हैं। यहां प्रत्येक शिफ्ट में 8-8 की प्रतिनियुक्ति की गई है जिनमें 3 ही तैनात दिखे। वो सब भी बैठकर गप्पे लड़ा रहे थे। पूछने पर बताया कि कोई कॉल नहीं आती है, तो क्या करें। दूसरी तरफ कई लोग सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि कंट्रोल रूम का नंबर काम नहीं करता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर कोई कॉल रिसीव नहीं करता है। इससे उन्हें परेशानी हो रही है। उधर, इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने कहा कि किसी ने अब तक उनसे इसकी शिकायत नहीं की है। इसकी जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई होगी।

Input: dainik bhaskar

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