साइबर कैफे संचालक रेल टिकट बनाकर लाखों की उगाही करने के साथ लोगों को भी परेशानी में डाल रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में टिकट दलालों ने 25 की उम्र वालों को 60 साल से ऊपर का टिकट दे दिया। ऐसे आठ यात्रियों को टीटीई ने मोकामा स्टेशन पर उतार दिया। धनरुआ वीर के साइबर कैफे संचालक ने ऐसा किया है।

इसे कैफै संचालक ने सीनियर सिटीजन की उम्र डालकर एर्नाकुलम एक्सप्रेस के कुल आठ कन्फर्म टिकट काट दिये। ये सभी आठ लोग ट्रेन संख्या-02644 पटना एर्नाकुलम से यात्रा कर रहे थे। इनलोगों के पास पटना से एर्नाकुलम जाने का कन्फर्म टिकट था। लेकिन इन सभी को टीटीई द्वारा बताया गया कि चार्ट पर सभी यात्रियों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है, जबकि इनकी उम्र 20 से 25 वर्ष के आसपास है। टिकट को अवैध बताकर सभी को मोकामा स्टेशन पर उतार दिया गया। हालांकि, साइबर कैफे वाले ने यात्रियों को दी जाने वाली टिकट के प्रिंट आउट में सभी का सामान्य उम्र फर्जी तरीके से कर दिया। इस संबंध में पीड़ित यात्रियों ने मोकामा के आरपीएफ पोस्ट में अपनी परेशानी बताते हुए इसकी शिकायत दर्ज की है।

सभी पीड़ित रेल यात्री गौरीचक थाना क्षेत्र के बिन्दौली के रहने वाले हैं। ये सब मजदूरी करने जा रहे थे। पीड़ित यात्री रामाश्रय मोची ने बताया कि उन्होंने धनरुआ थाना क्षेत्र के वीर ओड़ियारा गांव के एक साइबर कैफे से बुधवार यानि 26 जनवरी को कुल आठ लोगों का टिकट खरीदा। साइबर कैफे वाले सोनू कुमार ने उनसे प्रति यात्री 600 रुपए अधिक लिए। गुरुवार को वो सभी ट्रेन में सवार हो गए। कुछ देर बाद जब टीटीई ने उनके टिकट की जांच की तो बताया कि सभी टिकट 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति का है।

वहीं, यात्रियों का आरोप है कि टीटीई ने उनसे तत्काल ट्रेन से उतर जाने को कहा और उन सीटों पर पैसे लेकर दूसरे लोगों को बिठा दिया। वहीं, दानापुर रेल मंडल में कैफे संचालकों के फर्जी गोरखधंधे को लेकर आरपीएफ के वरीय अधिकारियों से लेकर स्टेशनों पर तैनात अधिकतर पोस्ट कमांडर भी चुप्पी साधे रहते हैं। वहीं, इनकी मनमानी व मिलीभगत से ही कैफै वाले धंधा बढ़ाते हुए यात्रियों को लूट रहे हैं।

Source : Hindustan

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