दिल्लीवासियों को बिजली की कमी के रूप में एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. देश में कोयले की भारी कमी के चलते राष्ट्रीय राजधानी में कटौती का दौर शुरू हो गया है. ऐसे समय में जब लोग कोरोना लॉकडाउन की वजह से बंद पड़े आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर रहे हैं और त्योहारी मौसम की तैयारी में लगे हैं, अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार द्वारा बिजली कटौती की चेतावनी उनके लिए परेशानी ला सकती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को बिजली के संकट का सामना करना पड़ सकता है और उनकी सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि शहर को बिजली की आपूर्ति करने वाले उत्पादन संयंत्रों में कोयले और गैस की उचित व्यवस्था होती रहे इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करने के लिए पत्र लिखा है.
Delhi could face a power crisis. I am personally keeping a close watch over the situation. We are trying our best to avoid it. In the meanwhile, I wrote a letter to Hon’ble PM seeking his personal intervention. pic.twitter.com/v6Xm5aCUbm
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 9, 2021
केजरीवाल ने ट्वीट किया, “दिल्ली को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. मैं व्यक्तिगत रूप से इस स्थिति पर नजर रख रहा हूं. ऐसी स्थिति न आए इसके लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस बीच, मैंने माननीय प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने के लिए पत्र लिखा है.”
केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
मोदी को लिखे पत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर अगस्त से कोयले की कमी का सामना कर रहा है. पत्र में कहा गया, “मैं आपका ध्यान कोयले की कमी की स्थिति पर आकृष्ट कराना चाहता हूं जो अगस्त/सितंबर से जारी है और अब तीन महीने होने जा रहे हैं.” पत्र में कहा गया, “दिल्ली को बिजली आपूर्ति करने वाले प्रमुख केंद्रीय उत्पादन संयंत्र इससे प्रभावित हैं.”
‘कोयला संकट से आने वाले दिनों में दिल्ली में हो सकती है बिजली की कटौती’
इस बीच, बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गणेश श्रीनिवासन ने भी कहा कि देशभर में कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन कम हो गया है और आने वाले दिनों में दिल्ली में बारी-बारी से बिजली कटौती हो सकती है. उन्होंने एक बयान में कहा कि दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों को बिजली की आपूर्ति करने वाले कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के पास लागू नियमनों के अनुसार 20 दिन के मुकाबले सिर्फ एक-दो दिन के लिए ही उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करने को कोयला भंडार है.
श्रीनिवासन ने कहा, “परिणामस्वरूप, दिल्ली में कभी-कभी बिजली कट सकती है. हालांकि, गंभीर स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों बिजली उत्पादन के लिए कोयले की व्यवस्था करने को लेकर सक्रिय कदम उठाने पर विचार कर रही हैं.” बहरहाल, कोयले की कमी का संकट गहराने के बीच दिल्ली में सेवाएं दे रही टाटा पावर की इकाई ने अपने ग्राहकों को फोन पर संदेश भेजकर इसकी जानकारी दी है और उनसे शनिवार दोपहर बाद से बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करने का आग्रह किया है.
टाटा पावर ने अपने ग्राहकों को भेजा एसएमएस
एक सूत्र ने बताया कि टाटा पावर की शाखा टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (डीडीएल), जो मुख्य रूप से उत्तर, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में काम करती है, ने अपने ग्राहकों को एसएमएस (संदेश) भेजा है. शनिवार को ग्राहकों को भेजे गए एसएमएस में कहा गया है, “उत्तर भर में उत्पादन संयंत्रों में कोयले की सीमित उपलब्धता के कारण, दोपहर दो बजे से शाम छह बजे के बीच बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर स्तर पर है. कृपया विवेकपूर्ण तरीके से बिजली का उपयोग करें. एक जिम्मेदार नागरिक बनें. असुविधा के लिए खेद है – टाटा पावर-डीडीएल.”
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के नेतृत्व वाले बीएसईएस डिस्कॉम – बीआरपीएल और बीवाईपीएल, जो राष्ट्रीय राजधानी के बड़े हिस्से को बिजली की आपूर्ति करते हैं, ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है. दिल्ली महानगर की तीन बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) निजी कंपनियों और दिल्ली सरकार के बीच संयुक्त उद्यम हैं.
Source : News18
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