पटना दिल्ली विधानसभा चुनाव में बिहार के राजनीतिक दलों को मतदाताओं ने भले ही खारिज कर दिया, किंतु बिहारी मूल के नेताओं के झंडे बुलंद रहे। दिल्ली में पूर्वांचल की आबादी को देखते हुए बिहारियों को टिकट देने में दलों ने कोताही नहीं बरती थी।
आम आदमी पार्टी (आप) एवं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से बिहार से जुड़े आठ विधायक निर्वाचित भी हुए हैं। सबसे ज्यादा बिहारी विधायक आम आदमी पार्टी के जीतकर आए। सबसे ज्यादा मतों से जीत का रिकॉर्ड भी बिहार के खाते में ही आया।
बुराड़ी क्षेत्र से आप के टिकट पर लड़े मधुबनी के मूल निवासी संजीव झा ने जदयू प्रत्याशी शैलेंद्र कुमार को 88 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। यह सबसे बड़ी जीत है। संजीव को 63.22 फीसद वोट मिले। शालीमार बाग से आप की विधायक वंदना कुमारी मुजफ्फरपुर जिले के छाप गांव की हैं।
दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष रह चुकी वंदना लगातार तीसरी बार जीती हैं। उनके पिता स्व. ब्रज किशोर शर्मा मुजफ्फरपुर जिला भाजपा के उपाध्यक्ष और कुछ समय के लिए प्रदेश भाजपा में पदाधिकारी थे।
मालवीय नगर से आप के विधायक सोमनाथ भारती की यह तीसरी जीत है। भारती नवादा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई हिसुआ हाईस्कूल से की थी। उनकी मां शिक्षक हैं।
विनय मिश्रा मधुबनी जिले के सिरियापुर के मूल निवासी हैं। वह पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के पुत्र हैं। केजरीवाल ने उन्हें द्वारिका से प्रत्याशी बनाया था, जहां से उनके पिता भी कांग्र्रेस के टिकट पर विधायक चुने जाते रहे हैं। विनय का यह पहला चुनाव था।
ऋतुराज गोविंद ने किराड़ी से दूसरी जीत दर्ज की है। वह समस्तीपुर जिले के चकदौलत गांव के हैं। हरियाणा से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। जनकपुरी सीट से विधायक बने राजेश ऋषि पटना के निवासी हैं। संगम विहार से आप के टिकट पर विधायक बने दिनेश मोहनिया का रिश्ता कैमूर से है। भाजपा के सात विधायकों में एक अभय वर्मा दरभंगा के रहने वाले हैं। लक्ष्मीनगर से विधायक बने हैं। अभय का परिवार दरभंगा के हराही दक्षिण में रहता है।
Input : Dainik Jagran
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