दिल्ली में छठ पूजा को लेकर जारी सियासी उठापटक के बीच छठ पूजा पर 10 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी है. दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश में छठ पूजा को दिल्ली में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्योहार बताते हुए कहा गया है कि इसके लिए नोटिफिकेशन जल्द ही जारी कर दिया जाएगा. दिल्ली में छठ पूजा के अवसर पर 10 नवंबर को अवकाश रहेगा. उस दिन दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है.
कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक, श्रद्धालुओं के किसी भी तरह की पूजा की सामग्री या अनाज यमुना नदी में प्रवाहित करने की सख्त मनाही है. सभी जिलों के डीसीपी को सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पूजा से जुड़ी को सामग्री या अन्य सामान्य यमुना में प्रवाहित न किया जाए. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी कोई भी सामग्री यमुना की मुख्य धारा में जाकर न मिले.
दिल्ली में छठ मनाने के लिए क्या हैं गाइडलाइंस?
बीते दिनों दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन की अनुमति और गाइडलाइंस को लेकर डीडीएमए ने औपचारिक आदेश किया था. इसके मुताबिक, यमुना नदी के किनारे पर छठ पूजा के लिए कोई साइट नहीं बनाई जाएगी. रेवन्यू डिपार्टमेंट को छठ पूजा आयोजन के लिए साइट चिन्हित करने और उसे तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी गई है. साथ ही डीडीएमए के आदेश में कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किए जाने का निर्देश दिया गया है.
यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की नहीं मिली अनुमति
इधर, आज तक छठ महापर्व के मद्देनजर दिल्ली सरकार की ओर से यमुना नदी के किनारे छठ मनाने की अनुमति नहीं दी गई है. शुक्रवार को छठ पूजा संघर्ष समिति और पूर्वांचल नवनिर्माण संगठन के सदस्यों ने इस पर नाराजगी जताई है. संगठन के लोगों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास गवर्नर हाउस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. संगठन के सदस्यों ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन दिया.
पूर्वांचल नवनिर्माण संगठन के अध्यक्ष ने बताया कि पूर्वांचल के लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है. यह पूर्वांचल के लोगों की आस्था से खिलाड़ है, इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. संगठन के लोगों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर में बड़ी तादाद में लोग छठ महापर्व मनाते हैं.
Source : News18
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