इंडिगो एयरलाइंस मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड अब पूरी तरह सियासी बन चुका है. सत्ता पक्ष पर विपक्ष लगातार हमलावर होते जा रहा है. जबकि सत्ता पक्ष बचाव की मुद्रा में है. अब तो सत्ता व विरोधी, दोनों ओर से जुड़े नेता दिवंगत रूपेश सिंह के पैतृक गांव जलालपुर पहुंचने लगे हैं. इसी कड़ी में आज रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सारण के जलालपुर पहुंचे. वे दिवंगत रूपेश सिंह के परिजनों से मिले. उनके पिता से मुलाकात की. उन्हें ढांढस बंधाया. पिछले दिनों तेजस्वी ने कहा भी था कि उनका भी रूपेश से अच्छा संबंध था.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जब रूपेश के पैतृक आवास पहुंचे तो उनके पिता फफक—फफक रोने लगे. तेजस्वी के गले से रूपेश के पिता लिपट गए. उनके आंसू थम नहीं रहे थे. तेजस्वी भी काफी मर्माहत हो गए. उन्होंने किसी तरह खुद को अपने पर काबू किया. उनके पिता के पास काफी देर तक बैठे रहे. ढांढस बंधाते रहे. काफी संख्या में लोग जुट गए थे.
बता दें कि 12 जनवरी को रूपेश सिंह की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस समय रूपेश सिंह पटना एयरपोर्ट से काम निबटाकर पुनाईचक स्थित अपने आवास पर लौट रहे थे. इसी दौरान अपराधियों ने उन्हें ताबड़तोड़ गोली मार दी. अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद से ही पुलिस कठघरे में है. घटना के छह दिन बाद भी पुलिस को ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है. हालांकि, शनिवार को डीजीपी एसके सिंघल ने दावा किया था कि पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं और जांच प्रभावित न हो, इसलिए अभी उसे उजागर नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है कि इसके पहले भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रूपेश हत्याकांड को लेकर नीतीश सरकार पर तीखा हमला किया था. उन्होंने दो दिन पहले ट्वीट कर लिखा था— ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाथ उठा अपराधियों के सामने किया सरेंडर। कहा, “कोई नहीं रोक सकता अपराध!” हड़प्पा काल में भी होते थे अपराध। ज़रा तुलना कर लीजिए। उल्टा पत्रकारों से पूछ रहे है क्या आपको पता है कौन है अपराधी और वो क्यों करते हैं अपराध?’ इतना ही नहीं, कल तेजस्वी ने नीतीश कुमार को चिट्ठी भी लिखी थी और कहा था कि बेहतर अधिकारियों को सही जगह पर पोस्टिंग करें.
इसके अलावा तेजस्वी ने डीजीपी एसके सिंघल को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कल ट्वीट कर कहा कि बिहार के डीजीपी कह रहे हैं कि मेरे कार्यकाल से अधिक अपराध तो पूर्व डीजीपी के कार्यकाल में था. विगत 16 वर्ष में अनेक डीजीपी आए-गए. पुलिस के अपने आंकड़ों के अनुसार 2008 से निरंतर अपराध में वृद्धि हुई है लेकिन सीएम वही हैं. डीजीपी ने भी अब नीतीश कुमार की लाइन धर ली है कि वर्तमान छोड़ भूत की बात करो.’
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