दुर्गा पूजा के अवसर पर प्रतिमा स्थापित करने एवं पंडाल लगाने या ना लगाने को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है। साथ ही अफवाह को भी बल दिया जा रहा है। जबकि इस संबंध में जिला प्रशासन के निर्णय से कई बार अवगत कराया जा चुका है।
अफवाहों से रहे सतर्क
सोशल मीडिया( फेसबुक पेज) पर अफवाह फैलाने की कोशिश की गई कि ‘माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पंडाल और प्रतिमा लगाने की अनुमति प्रदान की गई है,मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को इस संबंध में पुनर्विचार करना चाहिये जो कि असत्य ,मिथ्या और भ्रामक है।ऐसा कोई आदेश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नहीं दिया गया है’ बल्कि पोस्ट करने वाले शख्स के द्वारा आधे अधूरे आदेश को पोस्ट कर आम लोगों को गुमराह करने की कोशिश की गई।
प्रतिमा एवं पंडाल पर रोक है बरकरार
कोविड-19 के खतरे को देखते हुए दुर्गा पूजा के अवसर पर ना तो अस्थाई प्रतिमा लगाई जाएगी और ना ही पंडाल लगाए जाएंगे। ना तो जुलूस निकलेगा नाही मेला का आयोजन होगा। ना तो विसर्जन होगा और ना ही डीजे बजाने की अनुमति होगी। दुर्गा माता के मंदिरों में जहां स्थाई प्रतिमा लगी है वहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा अर्चना कर सकते हैं। साथ ही लोग अपने घरों में भी पूजा-अर्चना कर सकते हैं मंदिरों में अलग से कोई प्रतिमा स्थापित नहीं की जाएगी।
जिला प्रशासन की अपील
कोरोना का खतरा कम हुआ है,खत्म नहीं हुआ है। जिला प्रशासन आम लोगों से अपील करता है कि लोग अपने घरों में पूजा करें। मास्क का प्रयोग करें।सोशल डिस्टेनसिंग को हर हाल में मेन्टेन करें ताकि कोरोना संक्रमण के प्रसार को पूर्णरूप से रोका जा सके।