कोविड के माहौल में हो रहे वैवाहिक कार्यक्रमों में कुछ नजारे अलहदा हैं। दूल्हा घोड़े पर या फिर लग्जरी चारपहिया वाहनों में नहीं बल्कि कोविड बाक्स में आ रहे हैं। आजमगढ़ समेत पूर्वांचल के कई जिलों में यह बात अब आम है।

इस वर्ष शादी समारोहों में पहले जैसा उत्साह नहीं दिख रहा। बहुत से जोड़े दर्जनभर परिजनों की मौजूदगी में ही परिणय सूत्र में बंध गए। धूम-धड़ाके से शादी करने वाले लोगों ने अपनी तारीखें नवंबर-दिसंबर के लिए टाल दीं। इस बीच दिवाली के आसपास अचानक दिल्ली समेत देश के कई हिस्से में जब कोरोना की दूसरी लहर चली तो यूपी में भी लोग सहम गए। सरकार ने वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए पहले 100 लोगों की सीमा तय की लेकिन जल्दी ही इसमें ढील दी तो उत्साह बढ़ गया। बावजूद इसके लोग सुरक्षा का पूरा ख्याल रख रहे हैं। खासकर, दूल्हे के लिए लोग अलग ढंग से व्यवस्था की जा रही है। एक रथनुमा वाहन पर बने पारदर्शी शीशे के डिब्बे में दूल्हे सवार होकर अपनी बारात ला रहे हैं। वर के लिए डिजाइन किए गए इस कोविड बाक्स को कहीं-कहीं प्लास्टिक से कवर किया जाता है। रंग-बिरंगे फूलों व झालरों से सजे इस रथ में बैठकर शान से दूल्हे राजा सुरक्षित अपनी दुल्हन को विदा कराने के लिए पहुंच रहे हैं।

पुरुषों के चेहरे मास्क में, महिलाओं पर असर नहीं
वैवाहिक समारोहों में जागरूक पुरुष सूट-बूट में तो नजर आ रहे हैं लेकिन उनके चेहरे अनिवार्य रूप से मास्क से ढके हुए दिखाई देते हैं। इतना जरूर है कि फोटो सेशन के दौरान मास्क हटा लिया जाता है। लेकिन महिलाओं पर फैशन भारी पड़ रहा है। महिलाएं मेकअप के बाद मास्क लगाना नहीं पसंद कर रही हैं। समारोहों में मास्क यदि महिलाओं ने कहीं पहना भी है तो परिधानों से उनका मैच करना आवश्यक शर्त है।

Input: Live Hindustan

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