17 सितंबर को इस बार विश्वकर्मा पूजन सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। इसको लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। इस दिन कन्या संक्रांति भी मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। औजार निर्माण, कल-कारखाना, मशीनरी की दुकानों एवं जिम आदि में तो एक सप्ताह पहले से तैयारी शुरू कर दी गई है।

भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर और वास्तुकार कहा जाता है। इन्होंने ब्रह्माजी के साथ मिलकर सृष्टि का निर्माण किया था। फलित दर्शन ज्योतिष मर्मज्ञ पंडित प्रभात मिश्र ने कहा कि श्री विश्वकर्मा की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी,रक्षा सूत्र, मिठाई, फल आदि की व्यवस्था कर लें। इसके बाद फैक्ट्री, वर्कशाप, दुकान आदि के स्वामी स्नान करके सपत्नीक पूजा के आसन पर बैठकर विधि पूर्वक पूजन करें।

biology-by-tarun-sir

शुभ मुहूर्त सुबह सात से शाम पांच बजे तक है। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में वृद्धि होती है।

Source : Dainik Jagran

हेलो! मुजफ्फरपुर नाउ के साथ यूट्यूब पर जुड़े, कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा 😊 लिंक 👏

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *