देश की शिक्षा प्रणाली में बदलाव के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया। देश में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया और इसके साथ ही स्कूलिंग का पूरा फॉर्मेट भी बदलने वाला है। 10 प्लस 2 के फॉर्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
केंद्र सरकार ने जिस नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है उसके साथ क्या कुछ बदल जाएगा। आइए आप को समझाते हैं 10 प्लस 2 को बांटकर अब 5+3+3+4 के फॉर्मेट में ढाला गया है। अब इसमें स्कूल के पहले 5 साल में प्री प्राइमरी स्कूल के 3 साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे। फिर अगले 3 साल को कक्षा 3 से लेकर 5 तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद 3 साल यानी 6 से लेकर 8वीं क्लास तक और फिर माध्यमिक अवस्था में 4 साल यानी 9 से लेकर 12 तक स्कूलिंग में कला वाणिज्य और विज्ञान स्ट्रीम का कठोर पालन नहीं होगा। छात्र अब जो पाठ्यक्रम चाहे वह ले सकते हैं।
नई शिक्षा नीति लागू करने के साथ सरकार में जिन बिंदुओं पर आगे टारगेट तय किया है वह इस प्रकार हैं
साल 2040 तक के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को मल्टी सब्जेक्ट इंस्टिट्यूशन बनना होगा जिसमें 3000 से अधिक छात्र होंगे
2030 तक के सभी जिलों में या उसके पास कम से कम एक बड़ा मल्टी सब्जेक्ट हाई इंस्ट्यूशन स्थापित करना है
संस्थानों के पास ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने का विकल्प होना चाहिए
सिलेबस ऐसा होगा कि सार्वजनिक संस्थानों के विकास पर उसमें जोर दिया जा सके
Input : First Bihar