कोरोना महामारी ने रिश्ते-नातों को भी आजमा लिया है. संक्रमण से असमय मौत के मामले में परिजन शव को हासिल करना भी नहीं चाह रहे. ऐसे ही एक मामले में बेगूसराय में धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ने कोरोना मृत के शव को न सिर्फ घाट तक पहुंचाया बल्कि खुद के हाथों मुखाग्नि भी दी.

मानवता का मिसाल पेश करने वाली यह कहानी बेगूसराय की है. यहां बछवारा प्रखंड के चमथा दो खुट गांव के रहने वाले 55 वर्षीय धीरेंद्र सिंह की कोरोना पॉजिटिव होने के बाद इलाज चल रहा था. इस इलाज के बीच ही उनकी मौत हो गई. रविवार की दोपहर तक सूचना के बाद भी घर का कोई सदस्य अस्पताल नहीं पहुंचा. अंत में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राम कृष्ण ने शव को खुद को शमशान तक पहुंचाया और उन्होंने खुद के हाथों मृतक शव को मुखाग्नि दी.

इस मौक पर शमशान घाट पर सिर्फ मृतक की पत्नी ही मौजूद रही. चिकित्सक के इस मानवता का संदेश देते मार्मिक एवं सवंदेनशील कदम पर लोगों ने वाहवाही दी है. बता दें कि इससे पहले साहेबपुर कमला प्रखंड के विष्णपुर में चार अप्रैल की रात राम बालक सहनी की मौत हो गई थी. अपनों ने शव को नहीं लिया तो डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने अपने चार पांच सहयोगियों के साथ अंत्येष्टि की थी.

Input: Live Cities

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