नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुक्रवार से शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग एक महीने पहले 10 दिसंबर को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का होगा और इसके निर्माण को 2022 में आजादी के 75 वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिया जाएगा। सरकार ने 2022 में संसद के मानसून सत्र को नए भवन में आयोजित करने की योजना बनाई है। निर्माण कार्य की शुरुआत की एक अधिकारी ने जानकारी दी।

बता दें कि निर्माण कार्य पहले शुरू नहीं हो सका था, क्योंकि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं। कोर्ट ने  7 दिसंबर को नए संसद भवन के लिए आधारशिला रखने की अनुमति दी थी, लेकिन साथ में फैसला आने तक निर्माण न करने का आदेश दिया था। सरकार ने भी आश्वासन दिया था सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर लंबित याचिकओं का फैसला करने तक कोई निर्माण या विध्वंस कार्य शुरू नहीं होगा। कोर्ट ने पांच जनवरी को इस परियोजना को हरी झंड़ी दे दी थी और हेरिटेज कमिटी से मंजूरी लेने को कहा था। इस सप्ताह की शुरुआत में, 14-सदस्यीय हेरिटेज पैनल ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।

नए भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना पर 971 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू होने में 35 दिन की देरी के बावजूद, उसे विश्वास है कि वह इस परियोजना को समय पर या उससे पहले पूरा करने में सक्षम होगा। मौजूदा संसद भवन से सटे नए संसद भवन में एक साथ 900 से 1200 सांसद बैठ सकेंगे। नए भवन में लोकसभा वर्तमान के मुकाबले तीन गुना बड़ा होगा। राज्यसभा का आकार बढ़ेगा। इसका निर्माण 64,500 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्र में होगा।

Input: Dainik Jagran

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